नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर LPG डिस्ट्रीब्यूटर्स को लेकर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें बताया गया है कि एलपीजी वितरक चयन द्वारा हिंदुस्तान गैस डीलरशिप / LPG डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए आपका चयन किया गया है।
इसमें नकली वेबसाइट बनाकर और अनुमोदन पत्र जारी कर लोगों से रजिस्ट्रेशन के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं। साथ ही पत्र में यह भी कहा गया है कि आपसे लिया जा रहा रजिस्ट्रेशन अमाउंट रिफंडेबल है, जिसे बाद में वापस कर दिया जाएगा।
इस फर्जी दावे की जांच जब पीआईबी (PIB) ने की तो इसका सच सामने आया। प्रेस सूचना ब्यूरो ने बताया कि यह लेटर और वेबसाइड फेक है।
इस खबर की पड़ताल करने पर पता चला कि ये खबर फर्जी है। इससे जुड़ी ऐसी कोई भी खबर LPG की वेबसाइट पर नहीं है।
भारत सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पीआईबी फैक्ट चेक ने इस अनुमोदन पत्र को फेक बताते हुए कहा, फर्जी पत्र और वेबसाइट आवेदकों को धोखा देने के लिए बनाई गई हैं। प्रामाणिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट http://lpgvitarakchayan.in पर जाएं।
गैस एजेंसी का कारोबार बेहद सफल माना जाता है। इसे लेने की प्रक्रिया भी काफी आसान है। तेल कंपनियां लगातार फ्रेंचाइज मॉडल के तौर पर LPG डिस्ट्रीब्यूटर्स की तलाश करती हैं।
इसके लिए कई तरह के आवेदन निकाले जाते हैं। हर कंपनी की डिस्ट्रीब्यूटरशिप देने की अलग प्रक्रिया है। लेकिन, इन दिनों इंटरनेट पर कई ऐसी वेबसाइट हैं, जो हूबहू तेल कंपनियों के नाम जैसी दिखती हैं।
पिछले कुछ समय में कई ऐसी शिकायतें आई हैं, जिनमें गैस एजेंसी के रजिस्ट्रेशन के नाम पर लोगों से ठगी की गई।
दरअसल, गैस एजेंसी के लिए जब भी कोई कंपनी आवेदन जारी करती है तो उसकी सूचना अखबार या दूसरे विज्ञापनों के जरिए की जाती है।
इससे पहले भी एक और खबर वायरल हुई थी, जिसमें दावा किया गया था कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) लिमिटेड द्वारा सर्विस मैनेजर की पोस्ट का अपॉइंटमेंट लेटर जारी किया गया था।
इस लेटर पर 24 अगस्त 2020 की तारीख लिखी हुई थी। साथ ही लेटर पर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन का लोगो भी है।