नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू और हरदीप सिंह निज्जर पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।
इसी कड़ी के तहत दोनों कट्टरपंथियों की अचल संपत्तियां कुर्क की जाएंगी। NIA ने जांच के दौरान जिला अमृतसर में गुरपतवंत सिंह पन्नू और जिला जालंधर में हरदीप सिंह निज्जर की अचल संपत्तियों की पहचान की है।
UP(P) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के तहत इन संपत्तियों को जब्त करने के आदेश जारी करने के लिए सरकार से आग्रह किया था। सरकार ने संपत्तियां कुर्क करने का आदेश दे दिया है।
पन्नू अमेरिका स्थित प्रतिबंधित ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) काे चलाता है जबकि हरदीप सिंह निज्जर कनाडा स्थित ‘खालिस्तान टाइगर फोर्स’ का प्रमुख है।
एनआईए के एक अधिकारी के अनुसार, भारत सरकार ने यूएपीए कानून की धारा 51 ए के तहत प्रदत अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए पन्नु की अमृतसर और निज्जर की जालंधर में स्थित अचल सम्पत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है।
इस साल जुलाई में पन्नु और निज्जर को सात अन्य व्यक्तियों के साथ यूएपीए कानून के प्रावधानों के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था।
पन्नू की जमीन अमृतसर के गांव खानकोट और सुल्तानविंड सबअर्बन भाईनिवाल में है। वहीं, निज्जर की जमीन जालंधर जिले के गांव भार सिंहपुरा, फिल्लौर में है।
इस वर्ष जुलाई में पन्नू और निज्जर को सात अन्य लोगों के साथ यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया गया था। एसएफजे और खालिस्तान टाइगर फोर्स, दोनों अलगाववादी खालिस्तानी संगठन हैं।
एनआईए एसएफजे द्वारा ‘सिख रेफरेंडम 2020’ के बैनर तले शुरू अभियान से संबंधित मामले की जांच कर रही है।
ठेके पर हैं आतंकी पन्नू की जमीन
आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की गांव खानकोट की 46 कनाल जमीन को ठेके पर लेकर खेती करने वाले बिक्रमजीत सिंह ने बताया कि वह कभी पन्नू से नहीं मिला है।
जमीन के ठेके की राशि पहले पन्नू की मां को देता था। उसकी मौत के बाद उसके भाई मंगवंत सिंह को पैसे जमा करवाता हूं।
ग्रामीणों के अनुसार पन्नू का परिवार कई वर्ष पहले गांव छोड़कर चंडीगढ़ चला गया था। इसलिए न उन्होंने कभी पन्नू देखा, न उससे कभी मिले।
सुल्तानविंड गांव में पन्नू की 11 कनाल साढ़े 13 मरले की जमीन भी किसी ठेकेदार के पास बताई जाती है।