जालंधर। शराब ठेकेदारों की मनमानियां का मामला अब कैप्टन के दरबार में पहुंच चुका है। महानगर में निर्धारित संख्या से ज्यादा ठेके खोल कर सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे शराब ठेकेदारों द्वारा अब एक और झटका दिया है।
शराब ठेकेदारों द्वारा रातों रात ही हर एक ब्रांड की बोतल का रेट 10 से 20 रूपए बढ़ा दिया है। जिससे ठेकेदार रोजाना लाखों रूपए से अपनी जेबें भर रहे हैं।
ऐसी कई अनियमितताएं बरतने के बावजूद भी एक्साईज़ विभाग आंखू बंद करके कुंभकर्णीय नींद सो रहा है।
चर्चा है कि एक्साईज़ विभाग में ‘कोरोना का डर’ होने के कारण अधिकारी फील्ड तक नहीं निकल रहे, जिस कारण शराब ठेकेदार वैध कारोबार की आढ़ में जनता को तो लूट ही रहे हैं, साथ में सरकार को भी ‘मामू’ बना रहे हैं।
बता दें कि कोरोना काल के बाद रेविन्यू के चक्कर में कैप्टन अमरेंद्र सिंह सरकार ने शराब ठेकेदारों को कई प्रकार की रियायतें दी। जैसे कोरोना काल के कारण सरकारी फीस में भी रिलेक्सेशन सहित और कई फायदे दिए।
लेकिन शराब ठेकेदारों द्वारा कैप्टन सरकार की कमजोरी का फायदा उठाते हुए शुरू की मनमानियां अभी तक जारी है।
पिछले दिनों ‘प्रभात टाइम्ज़’ द्वारा खुलासा किया गया था कि जालंधर में निर्धारित संख्या से कहीं ज्यादा शराब ठेके खोले हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक शहर में 300 से ज्यादा ठेके अवैध तरीके से खोले गए हैं।
अगर सूत्रों की माने तो जालंधर में 25 से ज्यादा शराब ठेकों की अवैध ब्रांचे हैं। जहां पर धड़ल्ले से शराब की सेल की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि शराब के हर एक ठेके पर सरकार द्वारा जारी लाईसैंस नंबर लिखना अनिवार्य होता है, लेकिन शहर में शराब के कई ठेकों पर लाईसैंस नंबर है और कई ठेकों पर नहीं। इसका कारण ये है कि ठेकेदारों द्वारा शराब ठेके निर्धारित संख्या से ज्यादा खोले गए हैं।
शराब ठेकेदारों द्वारा की जा रही इन अनियिमतताओं के बावजूद एक्साईज़ विभाग को कुछ भी नज़र नहीं आ रहा है। अधिकारी नियमों को उल्लंघन के बावजूद कैप्टन सरकार को ‘सब ठीक चल रहा है’ की फीडबैक दे रहे हैं।
चुपचाप बढ़ाए शराब की बोतलों के रेट!
सूत्रों ने बताया कि शराब के कई अवैध ठेके खोलने की अनियमितता के बाद अब शराब ठेकेदारों द्वारा रातों रात शराब के हर एक ब्रांड की बोतल के 10 से 20 रूपए बढ़ा दिए हैं।
सूत्रों ने बताया कि रातों रात हर ब्रांड की बोतल का रेट बढ़ाए जाने से ठेकेदारों की रोजाना सेल 4 से 5 लाख रूपए बढ़ी है।
सूत्रों ने बताया कि जैसे रायल स्टेग की बोतल 770 रूपए थी अब 790 रूपए कर दी गई है। इसी प्रकार हर एक ब्रांड के रेटों में चुपचाप तरीके से वृद्धि कर दी गई है।
बेच रहे हैं मनमर्जी के ब्रांड!
सूत्रों ने बताया कि कोरोना काल में हुए कथित नुकसान की आढ़ में शराब के रेट भी इस बार मनमर्जी के तो हैं ही, साथ ही अब ठेकेदारों द्वारा एक और स्तर पर मनमानी की जा रही है।
बताया जा रहा है कि शराब के शौकीन लोगों को ज्यादा पैसे खर्च करने के बावजूद उन्हें मनचाहे ब्रांड नहीं मिल रहे हैं। शराब ठेकेदारों द्वारा कुछ ब्रांड को ही प्रोमोट किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि शराब ठेकेदारों द्वारा सुनियोजित ढंग से कभी किसी ब्रांड की शार्टेज़ कर दी जाती है और कभी किसी ब्रांड की। इसके पीछे भी बड़ा लूपहोल बताया जा रहा है। इस मामले में भी जल्द और खुलासा किया जाएगा।
कैप्टन दरबार पहुंचा मामला
पता चला है कि जालंधर में हो रही कथित अनियमितताओं का मामला कैप्टन अमरेंद्र सिंह के दरबार में पहुंच चुका है। ठेकेदारों तथा एक्साईज़ विभाग की कथित मिलीभगत की रिपोर्ट विद प्रूफ तैयार करके ऊपर भेजी जा रही है।