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Jalandhar जालंधर। (Jalandhar court gives strict decision in two cases of sexual abuse of girls) नाबालिग बच्चियों से यौन शोषण के मामले में अदालतें सख्त रूख अपनाए हैं।
जालंधर में पोक्सो एक्ट की स्पेशल जज माननीय अर्चना कंबोज द्वारा जालंधर में बच्ची के अपहरण और रेप के मामले में दोषी को उम्र कैद- टिल डेथ की सजा सुनाई।
जबकि रामा मंडी के एक अन्य मामले में बच्ची के अपहरण व रेप में दोषी की मदद करने वाली उसकी मां और रिश्तेदार को 20-20 साल की सजा सुनाई।
पहला केस – बच्ची के अपहरण और रेप मामले में आरोपी को उम्र कैद – टिल डेथ
पोक्सो एक्ट की स्पेशल जज माननीय अर्चना कंबोज की अदालत में कमिश्नरेट के थाना भार्गव कैंप के एरिया में साल 2023 में नाबालिग बच्ची के अपहरण और रेप के मामले में दोषी को उम्र कैद – टिल डेथ की सजा सुनाई है।
जानकारी के मुताबिक साल 2023 में भार्गव केंप एरिया में नाबालिग बच्ची के अपहरण और बलात्कार की शिकायत वीर चंद पुत्र दास राम वासी भार्गव कैंप के खिलाफ दर्ज हुई।
थाना भार्गव कैंप की पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपी को अरेस्ट कर लिया। मैडीकल जांच में भी बलात्कार के आरोपों की पुष्टि हुई।
पोक्सो एक्ट की स्पेशल जज माननीय अर्चना कंबोज की अदालत में इस मामले में ट्रायल शुरू हुआ। डीए अनिल कुमार बोपाराए और एडीए निखिल नाहर ने पुलिस जांच रिपोर्ट के आधार पर दलीलें पेश की।
अदालत ने सुनवाई के बाद आज आरोपी वीर चंद को उम्र कैद की सजा सुनाई। मामले को गंभीर बताते हुए अदालत ने दोषी को उम्र कैद-टिल डेथ की सजा सुनाई। यानिकि दोषी की उम्र कैद तब तक जारी रहेगी, जब तक उसकी मृत्यु नहीं हो जाती।
दूसरा केस – अपहरण, रेप में दोषी के मददगार मां व रिश्तेदार को 20-20 साल की सजा
जानकारी के मुताबिक थाना रामा मंडी एरिया में साल 2022 में नाबालिग बच्ची का अपहरण हुआ। बच्ची के अपहरण के बाद आरोपी बच्ची को अपने घर ले गया जहां पर आरोपी की मां मोटी बिल्लो व उनके रिश्तेदार रोढू ने आरोपी की मदद की।
पीड़ित लड़की के परिजनों ने शिकायत में आरोप लगाया कि बच्ची के अपहरण के बाद उसे घर ले जाकर कई बार यौन शोषण किया गया। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच की।
मैडीकल जांच में स्पष्ट हो गया कि नाबालिग बच्ची के साथ रेप हुआ है। कमिश्नरेट के थाना रामामंडी की पुलिस ने आरोपी की मां मोटी बिल्लो और रिश्तेदार रोढू को अरेस्ट किया। जबकि आरोपी फरार हो गया।
अदालत में सुनवाई के दौरान मुख्यारोपी को भगौड़ा करार दिया। अदालत में डीए अनिल कुमार बोपाराए के मार्गदर्शन में एडीए निखिल नाहर द्वारा पुलिस का पक्ष मजबूती से रखा।
पोक्सो एक्ट की स्पेशल जज माननीय अर्चना कंबोज ने सुनवाई के बाद बच्ची के अपहरण और रेप के मामले में मदद करने के दोषी पाए जाने पर मोटी बिल्ल और रोढू को 20-20 साल की सजा सुनाई है।
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