नई दिल्ली (ब्यूरो): भारत बायोटेक द्वारा विकसित की जा रही भारत की पहली COVID-19 वैक्सीन – COVAXIN ™, के मानव क्लीनिकल परीक्षण के पहले और दूसरे चरण के लिए DGCI की अनुमति मिल गई है। भारत में तैयार की जा रही यह कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन है जिसे इंसानों पर ट्रायल करने की मंजूरी मिली है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये परीक्षण जुलाई 2020 में शुरू हो जाएगा. भारत में कोविड-19 वैक्सीन का निर्माण करने वाली ये कंपनी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से ये टीका तैयार करने के प्रयासों में लगी है।
SARS-CoV-2 तनाव को NIV, पुणे में अलग कर दिया गया और भारत बायोटेक में स्थानांतरित कर दिया गया। भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी, निष्क्रिय टीका विकसित और निर्मित किया जा रहा है।
अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन भी जुलाई के दो हफ्ते बीतने के बाद वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू करेगी। कंपनी ह्यूमन ट्रायल के लिए पहले तय किए समय से दो महीने तेजी से काम कर रही है। कंपनी ने वैक्सीन बनाने के लिए अमेरिकी सरकार के साथ पहले ही साझेदारी कर ली है।
बताया गया कि कंपनी ने वैक्सीन की 1 अरब डोज बनाने की बात कही है। ब्रिटेन की भी कई कंपनियां कोरोना की वैक्सीन को लेकर ट्रायल कर रही हैं ये कंपनियां भी जल्द ही इंसानों पर ट्रायल शुरू करने की तैयारी में हैं।
पूरी दुनिया में 1 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित
जानकारी यह भी मिली थी कि कोरोना को लेकर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका जिस वैक्सीन पर काम कर रहे हैं वो अब आखिरी स्टेज में पहुंच गया है। अब आखिरी चरण में क्लीनिकल टेस्ट किया जाएगा जिसमें ये पता लगाया जाएगा कि आखिर ये वैक्सीन कितनी कारगर है।
बता दें भारत समेत पूरे विश्व में कोरोना वायरस का प्रकोप बुरी तरह फैला हुआ है। इसे रोकने के लिए पूरी दुनिया में वैक्सीन को लेकर ट्रायल चल रहे हैं। भारत में भी कई कंपनियां कोविड-19 वैक्सीन पर काम कर रही हैं।
दिसंबर में चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस से अब तक दुनिया भर में 1 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि दुनिया भर में इससे 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में भारत चौथे नंबर पर है. कोविड-19 के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका, ब्राजील और रूस में आए हैं। कोरोना वायरस से जान गंवाने वालों की सूची में भारत आठवें नंबर पर है।
पूरी दुनिया की तुलना में भारत में अपेक्षाकृत कम मौतें हो रही हैं। भारत में कोरोना का रिकवरी रेट भी पूरी दुनिया की तुलना में बेहतर है।
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