जालंधर। कोरोना काल में ‘बिज़निस लॉस’ का रोना रोकर हमदर्दी लेने वाले शराब ठेकेदार इस साल राज्य सरकार की मजबूरी का जमकर फायदा उठा रहे हैं।
जालंधर के शराब ठेकेदार हमदर्दी की आढ़ में सरकार को रोजाना लाखों का रगड़ा लगा रहे हैं।
लेकिन नियमों का उल्लंघन रोकने के लिए तैनात एक्साईज़ विभाग इस मामले में सफेद हाथी ही साबित हो रहा है।
विभाग द्वारा कैप्टन सरकार की आंखों में धूल झोंककर दावा कर रहे हैं कि जालंधर में कुछ गलत नहीं हो रहा है।
दरअसल कोरोना काल में कई माह तक कारोबार बंद होने के कारण शराब ठेकेदारों द्वारा खूब हल्ला बोला गया।
सरकार ने भी शराब ठेकेदारों का पक्ष ध्यान में रखते हुए कारोबार की मंजूरी दी। इस समय मौजूदा हालात पर नज़र दौड़ाई जाए तो शराब ठेकेदारों की मनमानियां धड़ल्ले से जारी हैं।
विभाग के सूत्रों के मुताबिक शराब ठेकेदारों द्वारा इस बार जालंधर में काफी कुछ नियमों को ताक पर रख किया है।
पहले तो निर्धारित शराब ठेकों से ज्यादा शराब ठेके चल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक शहर में करीब 250 के करीब शराब ठेके मंजूर है। जबकि मौजूदा समय में इस गिनती से कहीं ज्यादा ठेके शहर में खुले हुए हैं।
दूसरा ठेकों पर सरेआम लोगों को पेटियां बेची गई, जो कानूनी तौर पर नहीं हो सकता।
करीब एक महीने तक शहर के सभी ठेकेदारों ने पेटियां लोगों को बेची और विभाग सोता रह गया।
इतना ही नहीं हरेक ठेके पर सरेआम बोतल खोलकर प्रवासियों को शराब पिलाई जाती है। इस बारे में भी कभी विभाग ने चेक नहीं किया और सरकार को रिपोर्ट ओके की दी।
आपको बता दें कि जालंधर में एक्साईज़ विभाग द्वारा 250 के करीब शराब ठेके मंजूर किए गए हैं।
शराब ठेकेदारों द्वारा इन मंजूरशुदा शराब ठेकों की वार्षिक फीस विभाग में जमा करवाई जाती है।
सूत्रों ने बताया कि इस समय जालंधर में 250 से भी कहीं अधिक शराब ठेके खुले हुए हैं।
शराब ठेकों की निर्धारत संख्या से ऊपर खुले गए ठेके एक्साईज़ विभाग के नियम के मुताबिक अवैध हैं।
सूत्रों के मुताबिक वैध शराब ठेकों की आढ़ में अवैध शराब ठेके खोलने की जानकारी कथित तौर पर एक्साईज़ विभाग को है। लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं की जाती।
सूत्रों का कहना है कि इन अवैध ठेकों पर भी रोजाना लाखों की शराब बेची जा रही है।
जिसकी कमाई शराब ठेकेदारों की जेब में जा रही है और सरकार को रोजाना करोड़ों का रैविन्यू का रगड़ा लगाया जा रहा है।
एक तरफ तो शराब ठेकेदार राज्य सरकार से कोरोना को लेकर फायदा ले रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अवैध ब्रांचें खोल कर धड़ल्ले से शराब की बिक्री कर रहे हैं।
जितने शराब ठेके मंजूर हैं, उतने ही खुले हैं: ई.टी.ओ. नीरज
इस संबंध में संपर्क करने पर ई.टी.ओ. नीरज ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। विभाग द्वारा जितने शराब ठेके मंजूर हैं, उतने ही खुले हुए हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होनें ने कहा कि विभाग द्वारा इस संबंधी वैरीफाई किया जा चुका है।