नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय अब भारत में गैर-कानूनी रूप से घरों में रखे गए सोने के लिए एमनेस्टी प्रोग्राम (आम-माफ़ी कार्यक्रम) पर विचार कर रहा है। इस प्रोग्राम के जरिए सरकार चाहती है कि टैक्स चोरी पर लगाम लगे और आयात पर निर्भरता कम हो।
रिपोर्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार लोगों से अपील करेगी कि वो गैर-कानूनी रूप से रखे पीलीधातु के बारे में टैक्स विभाग को जानकारी दें। इसके लिए उन्हें लेवी या पेनाल्टी देनी होगी। हालांकि, यह प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है। सरकार अभी भी संबंधित अधिकारियों के साथ विचार कर रही है।
पीएम मोदी ने राज्यों की सहमति से साल 2015 में तीन प्लान के बारे में जानकारी दी थी, जोकि घरों में रखे करीब 25,000 टन सोने, संस्थानों द्वारा फिजिकल गोल्ड रखना और आयात कम करने के बारे में था ताकि निवेश के वैकल्पिक साधन मिल सके।
हालांकि, ये प्लान पॉपुलर नहीं हो सका क्योंकि एक वर्ग अपने पास रखे सोने को छोड़ना नहीं चाहता था। घरों में रखे सोने का एक बड़ा हिस्सा ज्वेलरी के फॉर्म में है और विशेष मौके पर इसे पहनते हैं। हालांकि, एक दूसरा वर्ग वो भी था, जिन्हें डर था कि उन्हें टैक्स विभाग द्वारा दंडित किया जाएगा।
सरकार के पास रखना होगा गोल्ड का एक हिस्सा
रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि जो लोग अपने गोल्ड का ब्यौरा देंगे, उन्हें कानूनी रूप से रखें अपने गोल्ड का एक हिस्सा सरकार के पास कुछ समय के लिए रखना होगा।
पिछले साल 30 अक्टूबर को एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि उस दौरान भी सरकार एक ऐसे प्रोग्राम पर काम कर रही थी। हालांकि, उस दौरान टैक्स विभाग ने ऐसे किसी प्रोग्राम की खबरों को खारिज कर दिया था।
इस साल गोल्ड की कीमतों में तेजी का अनुमान
बता दें कि इस साल सोने के भाव में अब तक 30 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिला है। मौजूदा कोरोना वायरस महामारी ने इसे और भी बढ़ने में मदद की है। दरअसल, वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर अनिश्चितता के माहौल में निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्प को वरीयता रहे हैं।
हाल ही में, गोल्डमैन सैक्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि आने वाले समय में दुनियाभर की सरकारें अगले राहत पैकेज का ऐलान करने वाली है। ऐसे में बुलियन मार्केट में तेजी देखने को मिलेगी। गोल्डमैन सैक्स ने गोल्ड के भाव का अनुमान 2,300 डॉलर प्रति आउंस लगाया है।