जालंधर (ब्यूरो): लॉकडाउन 4.0 के दौरान सरकार द्वारा दी जा रही रियायतों पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। आरोप लगने लगे हैं कि सरकार द्वारा उन जगहों पर रियायतें देकर कारोबार खोल दिए हैं। लेकिन उन कारोबार को नज़रअंदाज़ कर दिया गया जहां कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जारी गाइडलाइंस को फोलो किया जा सकता है।
ये है होटल कारोबार। जालंधर के प्रसिद्ध होटल मैजिस्टक ग्रैंड के मालिक डाक्टर मोहिन्द्रपाल ने विशेष बातचीत में बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के पहले ही दिन से होटल बिज़निस को लाखो का नुकसान झेलना पड़ा। क्योंकि लॉकडाउन अचानक हुआ और कारोबार बंद हो गया।
लेकिन अब लॉकडाउन, कर्फ्यु से सरकार द्वारा अन्य कारोबार जैसे एयर कंडीशन रैडीमेड शोरूम, एयर कंडीशन, इलैक्ट्रानिक्स, सैलून और भीड़भाड़ वाले बाज़ार इत्यादि लगभग सभी कारोबार को मंजूरी दे दी गई है। लेकिन सरकार ने होटल इंडस्ट्री के बारे में नहीं सोचा।
डाक्टर मोहिन्द्रपाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बनाए गए नियमो का पालन होटल इंडस्ट्री में ज्यादा तरीके से हो सकता है। क्योंकि हर एक होटल को मिनीस्ट्री आफ टूरिज़्म द्वारा स्टार रेटिंग की जाती है। पहले से ही किचन, रूम इत्यादि में सफाई स्वच्छता का ध्यान रखा जाता है।रूटीन में ही मंत्रालय की टीम द्वारा रेटिंग करने के लिए चैकिंग चलती रहती है। होटलों में स्वच्छता का रूटीन में ही ध्यान रखा जाता है। अब तो होटल में वॉक-थ्रू सैनीटाइज़र मशीन का भी इंतज़ाम किया जा रहा है। डाक्टर मोहिन्द्रपाल ने कहा कि सरकार को होटल, रेस्तरां खोलने की अनुमति देनी चाहिए। क्योंकि होटल और रेस्तरां में सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन हो सकता है। होटल व रेस्तरां वाले अपने सिटिंग कैपेसटी भी नियम मुताबिक कम भी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि होटल, रेस्तरां बिज़निस शुरू होने से सरकार को जी.एस.पी., वैट इत्यादि जैसे रैविन्यू प्राप्त होगा। इसके साथ ही लाखो लोगों को रोजगार भी मिलेगा। जिससे सरकार की चिंता भी खत्म होगी। इसलिए सरकार से अपील की जाती है कि इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए होटल व रेस्तरा बिज़निस खोलने की अनुमति दी जाए।