Prabhat Times
नई दिल्ली। (High Command Unhappy with Navjot Sidhu Resignation) पंजाब में सियासी घमासान के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से इस्तीफा देना इस बार नवजोत सिंह सिद्धू को महंगा पड़ सकता है। सूत्रों की मानें, तो पार्टी आलाकमान सिद्धू के रवैये से बेहद नाराज है और इसको लेकर अब तक दोनों पक्ष में कोई बातचीत नहीं हुई है। माना जा रहा है कि पार्टी सिद्धू को नहीं मनाएगी। इतना ही नहीं पार्टी ने पंजाब में नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए मंथन भी शुरू हो गया है। इस दौड़ में रवनीत सिंह बिट्टू का नाम सबसे आगे चल रहा है। सुबह कहा गया था कि विवाद का हल करे के लिए हरीश रावत चंडीगढ़ आ रहे हैं, लेकिन हाईकमान ने अचाक हरीश रावत को चंडीगढ़ जाने से रोक दिया है। हाईकमान पूरी तरह से सी.एम. चरणजीत चन्नी के साथ है। उन्हें सिद्दू मामला हल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उधर, पंजाब के सी.एम. चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा कैबिनेट की आपात बैठक शुरू हो चुकी है। बैठक में सिद्धू मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। बता दें कि हाईकमान ने सी.एम. चन्नी समेत वरिष्ठ नेताओं को सिद्धू विवाद अपने स्तर पर हल करने की बात कही गई थी। जिसके पश्चात कैबिनेट की बैठक शुरू है। बैठक के बाद 12.30 बजे सी.एम. चन्नी प्रैस वार्ता करेंगे। ये भी चर्चा है कि जो मंत्री कैबिनेट बैठक में नहीं आता तो उसके खिलाफ भी बड़ा एक्शन हो सकता है।
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू के इस्तीफे से कांग्रेस आलाकमान नाराज है और उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जा सकता है। इतना ही नहीं पार्टी नेतृत्व ने सिद्धू से अब तक बात भी नहीं की है। हालांकि, सिद्धू का इस्तीफा भी स्वीकार नहीं किया गया है। कहा जा रहा था कि पंजाब प्रभारी हरीश रावत बुधवार को चंडीगढ़ जाएंगे लेकिन फिलहाल उनका दौरान भी टल गया है, जिसके बाद यह स्पष्ट है कि इस बार कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से हुई किरकिरी को बर्दाश्त नहीं करेगी।
पार्टी सूत्रों की माने तो सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं कर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व उन्हें समय देना चाहता है लेकिन अगर वह नहीं माने तो सख्त कदम भी उठाया जा सकता है। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है। खबरों की मानें तो आज की कैबिनेट में जो मंत्री नहीं आएंगे उनपर भी कार्रवाई हो सकती है।
उधर, प्रदेश नेतृत्व द्वारा नवजोत सिद्धू से बातचीत की जा रही है। चूंकि सिद्धू के करीबी परगट सिंह ने इस्तीफा नहीं दिया तो वे और राजा वड़िंग मिल कर सिद्धू से बातचीत करके मामला हल करने के प्रयास कर रहे हैं। उधर, चंडीगढ़ मे कैबिनेट की बैठक शुरू हो चुकी है और दूसरी तरफ नेताओं द्वारा सिद्धू को मनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
हक सच्च की लड़ाई लड़ते रहेंगे- नवजोत सिद्धू
हाईकमान की नाराज़गी के बीच नवजोत सिद्धू का ब्यान सामने आया है। नवजोत सिद्धू का कहना है कि वे हक सच्च की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध के बावजूद सिद्धू को इसी साल 23 जुलाई को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। सिद्धू के इस्तीफे के बाद उनके समर्थन में चन्नी सरकार के मंत्री सहित कई बड़े नेताओं के इस्तीफों की झड़ी लग गई। सिद्धू के करीबी माने जाने वाली एक मंत्री के साथ ही अन्य तीन कांग्रेसी नेताओं ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।
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