Prabhat Times
जालंधर। (Headache Clinic NHS Hospital Jalandhar) आमतौर पर सिरदर्द को लोग ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते। कुछ अपनी मर्जी से कोई पेन किलर लेते हैं और कुछ लोगों की अवधारणा रहती है कि संभवतः रेस्टलेस होने के कारण सिरदर्द होता है। लेकिन सिरदर्द भी एक गंभीर रोग है। अगर समय रहते इसका ईलाज न किया जाए तो ये परेशानी की सबब बन जाता है। लेकिन सिरदर्द ला-ईलाज बीमारी नहीं है। सिरदर्द रोग से ग्रस्त मरीज़ों को राहत देने के लिए जालंधर के मल्टीस्पैशलिटी अस्पताल एच.एच.एस.(NHS) में हैडएक क्लीनिक (Headache Clinic) चलाया जा रहा है। जिसमें डाक्टर संदीप गोयल द्वारा मरीज़ों को इस रोग से राहत दी जा रही है।
संपर्क करने पर डाक्टर संदीप गोयल ने बताया कि सिरदर्द भी रोग है, लेकिन ये रोग ला-ईलाज नहीं है। समय रहते इसे गंभीरता से लिया जाए तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है। डाक्टर गोयल ने बताया कि सिरदर्द (Headache) एक आम बीमारी बन चुकी है। हर व्यक्ति सिरदर्द की परेशानी से जूझता है। लेकिन कोई भी इसे गंभीरता से नहीं लेता। डाक्टर गोयल ने बताया कि पिछले समय में हुए एक सर्वेक्षण के मुताबिक दुनिनया में 10 से 15 प्रतिशत लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं। बार बार सिरदर्द (Headache) होने के कारण व्यक्ति किसी भी काम में कंस्ट्रेट नहीं कर पाता। धीरे धीरे ये परेशानी बढ़ती है।
डाक्टर गोयल ने बताया कि अस्पताल में पहले भी ऐसे मरीज़ों का ईलाज किया जा रहा है, लेकिन स्टडी में सामने आए तथ्यों को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रबंधन में इस रोग से पीड़ित मरीज़ों के लिए विशेष तौर पर ‘हैडएक क्लीनिक’ (Headache Clinic) शुरू करने का फैसला किया है। इस रोग से मरीज़ों को राहत देने के लिए अब एन.एच.एस. मल्टी स्पैशलिटी अस्पताल में हर बुधवार को दोपहर 1 बजे से शाम 7 बजे तक सिर्फ सिरदर्द रोग से ग्रस्त मरीज़ों का चैकअप तथा ईलाज किया जाएगा।
उत्तर भारत में पहला है ‘Headache Clinic’
डाक्टर संदीप गोयल ने बताया कि हैडएक क्लीनिक (Headache Clinic) उत्तर भारत में पहला क्लीनिक है। विशेष तौर पर सिरदर्द रोग से ग्रस्त मरीज़ों के ईलाज के लिए एन.एच.एस. (NHS) से पहले दिल्ली में क्लीनिक है। एक सवाल के जवाब में डाक्टर संदीप गोयल ने बताया कि ये भी देखने में आया है कि कई बार सिरदर्द के रोग से ग्रस्त मरीज़ काफी समय से दवा तो ले रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक सिरदर्द का कारण तक नहीं मिला है। डाक्टर गोयल ने बताया कि ‘हैडएक क्लीनिक’ (Headache Clinic) में मरीज़ों को दवा देने से पहले लगातार हो रही इस बीमारी का पहले कारण ढूंढा जाएगा। इसके पश्चात ही ईलाज किया जाएगा। डाक्टर गोयल ने बताया कि ऐसे मरीज़ों का ईलाज आधुनिक विधि से होगा। जिसमें मरीज़ों को सॉयकलोजिकल कॉन्सलिंग एवं डाइट थैरेपी के साथ इस परेशानी से उभरने और बचने के लिए की विधि के बारे में जागरूक किया जाएगा ताकि मरीज़ बिल्कुल स्वस्थ हो सके।
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