Prabhat Times
जालंधर। (Gurdas Mann Anticipatory Bail Reject) श्री गुरु अमरदास जी पर विवादित टिप्पणी के बाद धार्मिक भावनाएं आहत करने के केस में पंजाबी गायक गुरदास मान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बुधवार को कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) याचिका खारिज कर दी। मंगलवार को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जालंधर की सेशन कोर्ट ने अग्रिम जमानत (Bail) न देने का फैसला दिया। फिलहाल इसके विस्तृत आदेश का इंतजार है। वहीं, सेशन कोर्ट के इस फैसले के बाद अब गुरदास मान को गिरफ्तारी से बचने के लिए पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट का रुख करना पड़ेगा। सिख संगठनों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। मान के हाईकोर्ट जाने पर वो वहां भी अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) का विरोध करेंगे।
इससे पहले मान पर फैसले को देखते हुए पुलिस ने कोर्ट कॉम्प्लेक्स में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। कोर्ट की तरफ जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग रही। वहीं, कॉम्प्लेक्स परिसर में भी पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। ACP बलविंदर इकबाल काहलों की अगुवाई में दो पुलिस थानों के SHO व पुलिस फोर्स को यहां तैनात किया गया था।
बता दें कि मान की अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) पर मंगलवार को ही सिख संगठनों व मान के वकीलों के बीच बहस हो चुकी थी, जिसके बाद सेशन कोर्ट ने सुनवाई आज के लिए टाल दी थी। 20 अगस्त को डेरा बाबा मुराद शाह नकोदर के सालाना मेले में गुरदास मान ने डेरे के गद्दीनशीन लाडी शाह को श्री गुरु अमरदास जी का वंश बता दिया था। जिससे सिख संगठन नाराज हो गए। हालांकि बाद में मान ने वीडियो जारी कर इसके लिए माफी मांग ली थी। फिर भी सिख संगठनों का गुस्सा शांत नहीं हुआ।

सिख संगठनों के वकीलों का तर्क, जमानत मिली तो पंजाब का माहौल बिगड़ेगा

मंगलवार को सुनवाई के दौरान सिख संगठनों के वकील परमिंदर सिंह व रविंदर सिंह ने सेशन कोर्ट में कहा था कि मान ने डेरा बाबा मुराद शाह नकोदर मेले में आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने डेरे के गद्दीनशीन लाडी शाह को तीसरी पातशाही श्री गुरु अमरदास जी का वंश बताया, जिससे पंजाब व देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के हर कोने में रह रही सिख संगत की भावनाओं को ठेस पहुंची है। अगर गुरदास मान को अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) मिली तो सिख संगत का रोष बढ़ेगा और इससे पंजाब का माहौल खराब हो सकता है।

मान के वकीलों ने कहा : अज्ञानतावश कर दी टिप्पणी, मान मांग चुके हैं माफी

गुरदास मान के वकीलों ने कहा कि उन्होंने अज्ञानतावश इस तरह की बात कह दी और इसके लिए वे पहले ही हाथ जोड़ व कान पकड़कर माफी मांग चुके हैं। ऐसे में उन्हें अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) दे दी जाए। हालांकि सिख संगठनों के वकीलों ने कहा कि यह कंपाउंडेबल ऑफेंस नहीं है। ऐसी कोई माफी कानूनी तौर पर मान्य नहीं है। इसलिए मान को इस आधार पर अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) नहीं मिलनी चाहिए।

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