नई दिल्ली। अगर आप अपने स्मार्टफोन पर कोई नया ई-वॉलेट या मोबाइल पेमेंटट्स ऐप इंस्टॉल करने जा रहे हैं तो सतर्क रहें।
ध्यान रखें कि हमेशा ऑफिशल गूगल प्ले या iOS ऐप स्टोर से ही ऐप्स को डाउनलोड करें।
गृह मंत्रालय की साइबर सेफ्टी और साइबरसिक्यॉरिटी अवेयरनेस डिविजन यूजर्स को इस बारे में यूजर्स को चेतावनी दे रही है।
सरकार का कहना है कि ईमेल, एसएमएस या सोशल मीडिया के जरिए मिलने वाले किसी भी लिंक से कोई पेमेंट ऐप इंस्टॉल ना करें।
अनजान लिंक से पेमेंट्स ऐप्स डाउनलोड करने पर फिशिंग अटैक का खतरा होने की संभावनी बहुत ज्यादा रहती है।
ये फ्रॉड ऐसा फेक ऐप बना सकते हैं जो दिखने में बिल्कुल पॉप्युलर सर्विसेज जैसे पेटीएम, फोनपे जैसा दिखे। इन फेक ऐप्स के जरिए ये फ्रॉड आपकी बैंकिंग इन्फर्मेशन और वॉलिट पासवर्ड चुरा सकते हैं।
सरकार के CyberDost ट्विटर हैंडटल के ट्वीट के मुताबिक, ‘अपने स्मार्टफोन पर हमेशा ऐप स्टोर (Google/iOS Store) से वेरिफाई करके ही ऑथेंटिक ई-वॉलिट ऐप्स इंस्टॉल करें।
ईमेल, एसएमएस या सोशल मीडिया पर शेयर किए गए किसी लिंक के जरिए ई-वॉलिट ऐप्स को इंस्टॉल ना करें।’
साइबरदोस्त ट्विटर हैंडल से लोगों को यह भी चेतावनी दी गई है कि सस्पीशस ईमेल्स में आने वाले किसी लिंक पर क्लिक ना करें।
चाहें वे देखने में ऑथेंटिक लगें, ऐसा करने से आप मैलिशस वेबसाइट्स पर रीडायरेक्ट हो सकते हैं।
फिशिंग स्कैम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और फ्रॉड इंटरनेट यूजर्स को नए-नए तरीके से धोखाधड़ी का शिकार बना रहे हैं।
ऑनलाइन साइबर क्रिमिनल्स के लिए फिशिंग, धोखाधड़ी का सबसे पॉप्युलर टूल है।
इसके जरिए पहचान उजागर नहीं होती और यह आसान है व खर्चा भी कम होता है।
इसके अलावा टेक्निकली भी यह कोई स्कैम नहीं है। इसके जरिए फ्रॉड यूजर बिहेवियर ट्रैक करते हैं और उनसे चालाकी से निजा जानकारी निकलवा लेते हैं।
हमारा सुझाव है कि कोई भी ऐसा ईमेल, वॉट्सऐप, एसएमएस के जरिए मिलने वाले लिंक को देखकर आपको सतर्क हो जाना चाहिए।