Prabhat Times
नई दिल्ली। (Farmer Chakka jaam) कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि छह फरवरी को होने वाला चक्का जाम दिल्ली में नहीं होगा। उन्होंने समर्थकों से अपील की है कि जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपने-अपने जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे।
नए कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने चक्का जाम करने का ऐलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि छह फरवरी को देशभर में आंदोलन होगा।
इसके साथ ही, दोपहर 12 बजे से दोपहर तीन बजे तक सड़कों को ब्लॉक भी करेंगे। किसान संगठनों ने चक्का जाम करने का यह ऐलान बजट में किसानों को ‘नजरअंदाज’ किए जाने, विभिन्न जगहों पर इंटरनेट बंद करने समेत अन्य मुद्दों के विरोध में किया है।
मालूम हो कि सिंघु, गाजीपुर समेत दिल्ली के कई बॉर्डर्स पर हजारों की संख्या में किसान नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं। 26 जनवरी को हुई ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद आंदोलन कर रहे किसानों की संख्या में पिछले दिनों कमी आई थी, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के भावुक होने के बाद एक बार फिर से आंदोलन को बड़ी संख्या में किसानों का समर्थन मिलने लगा।
‘खून से खेती’ सिर्फ कांग्रेस कर सकती है
केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के मसले पर शुक्रवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में अपनी बात कही. कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार लगातार किसानों से बात करने में लगी हुई है. नरेंद्र सिंह तोमर इस दौरान विपक्ष पर जमकर बरसे और कहा कि खेती पानी से होती है, लेकिन सिर्फ कांग्रेस ही है जो खून से खेती कर सकती है.
किसान आंदोलन को लेकर कृषि मंत्री का संबोधन
किसान आंदोलन पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि विपक्ष सरकार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर घेर रहा है और तीनों नए कानूनों को काला कानून बता रहा है. लेकिन इन कानूनों में ‘काला’ क्या है, कोई ये भी बताए. कृषि मंत्री बोले कि नए एक्ट के तहत किसान अपने सामान को कहीं भी बेच सकेगा. अगर APMC के बाहर कोई ट्रेड होता है, तो किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का एक्ट राज्य सरकार के टैक्स को खत्म करता है, लेकिन राज्य सरकार का कानून टैक्स देने की बात करता है. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो टैक्स लेना चाह रहा है, आंदोलन उनके खिलाफ होना चाहिए लेकिन यहां उल्टी गंगा बह रही है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पंजाब सरकार के एक्ट के मुताबिक अगर किसान कोई गलती करता है, तो किसान को सजा होगी. लेकिन केंद्र सरकार के एक्ट में ऐसी कोई बात नहीं है.
‘खून से खेती करती है कांग्रेस’
कृषि मंत्री बोले कि हमने किसान संगठनों के साथ 12 बार बात की, उनके खिलाफ कुछ नहीं कहा और बार-बार यही कहा है कि आप क्या बदलाव चाहते हैं वो हमें बता दीजिए. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अगर हमारी सरकार कानून में बदलाव कर रही है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि कृषि कानून गलत है.
कृषि मंत्री ने कहा कि सिर्फ एक राज्य के किसानों को बरगलाया जा रहा है, किसानों को डराया जा रहा है. खेती पानी से होती है, लेकिन सिर्फ कांग्रेस ही है जो खून से खेती कर सकती है. केंद्र सरकार जो कानून लाई है, उसके मुताबिक किसान कभी भी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से अलग हो सकता है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सरकार ने काम किया और किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा. करीब दस करोड़ से अधिक किसानों को 1.15 लाख करोड़ रुपये उनके खातों में भेजा गया है.
सम्मान निधि के बजट पर बोले कृषि मंत्री
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बजट में हुई कटौती को लेकर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि अभी तक 10 करोड़ के आस-पास किसान रजिस्टर्ड हो पाए हैं. यही कारण है कि मौजूदा परिस्थितियों के हिसाब से ही बजट की व्यवस्था की गई है. जैसे ही रजिस्ट्रेशन बढ़ेगा, तुरंत उसका बजट भी बढ़ा दिया जाएगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार FPO लाने जा रही है, ताकि किसानों को फसलों के दाम के मामले में लाभ मिल सके. आत्मनिर्भर भारत फंड के तहत कृषि क्षेत्र के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का फंड दिया गया है.
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