Prabhat Times
चंडीगढ़। पंजाब (punjab) में राजनीतिज्ञों के घरों का घेराव या जब्री दाखिल होने की कोशिश की घटनाएं सामने आते देख सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह (captain amrinder singh) का बड़ा ब्यान आया है।
कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा नेताओं का नाम लिए बगैर कहा कि ऐसे कृत्यों से शांतमय आंदोलन खराब हो सकता है और राज्य की अमन शांति भंग हो सकती है।
सी.एम. ने चेतावनी दी है कि ऐसे प्रदर्शन कर रहे लोगों को अपने किसान नेतृत्व पर विश्वास होना चाहिए। ऐसी घटनाओं से शांतमय ढंग से चल रहा संघर्ष खराब हो सकता है।
माहौल खराब करने की कोशिशों का गंभीर नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कहा कि ऐसी कार्रवाई पंजाबियत की भावना के बिल्कुल विपरीत हैं और इसको अनदेखा नहीं किया जा सकता।
ऐसे व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करते हुये मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों को इस किस्म की कार्यवाहियों के साथ किसी भी पार्टी के राजनीतिज्ञों के परिवार को तंग-परेशान करने या असुविधा पैदा न करने की अपील की है।
उन्होंने चेतावनी देते हुये कहा कि लोगों की निजता के उल्लंघण से किसानों के शांतमयी आंदोलन के मकसद को भी ठेस पहुंचेगी। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को किसानों के हकों के लिए अपनी लड़ाई के दौरान कानून को हाथों में न लेने के लिए कहा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी की सरहदों पर महीनों भर चले संघर्ष के दौरान कठोर संयम दिखाने और किसी भी तरह की हिंसा और अराजकता में गलत हुये बगैर कुछ प्रदर्शनकारी संयम हार रहे हैं जबकि किसान नेता आंदोलन को शांतमयी रखने के लिए बार-बार स्पष्ट कर चुके हैं।
उन्होंने इन प्रदर्शनकारियों को संयम से काम लेने और उसी स्वै-संयत की भावना के साथ किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करने की अपील की है जो अब तक किसान जत्थेबंदियों और उनके लाखों समर्थकों ने दिखाया है।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी राजनैतिक कार्यकर्ता के घर में जोर-जबरदस्ती से दाखिल होने की कोशिश करने या उनके घरों का घेराव करने से शांतमय माहौल खराब हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों को किसान नेताओं के नेतृत्व में विश्वास रखने के लिए कहा जो केंद्र सरकार के साथ काले खेती कानूनों से पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी तरह तंग-परेशान करने या हिंसक कार्यवाहियां उनके शांतमयी प्रदर्शन करने के हक के विरुद्ध हैं।
उन्होनें यह भी कहा कि ऐसी कार्यवाहियों के कारण राजनैतिक नेताओं या कार्यकर्ताओं को परेशान करने से पंजाब में अमन-कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।
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