चंडीगढ़। मोदी सरकार के कृषि बिल के खिलाफ पंजाब में किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के मंत्रीमंडल से इस्तीफा दिए जाने के बाद आज दिन निकलते ही पंजाब में बड़ी घटना घटी है।
पता चला है कि कृषि विधेयक के विरोध में पूर्व सी.एम. प्रकाश सिंह बादल के घर के सामने एकत्र हुए किसानों मे से एक ने जहरीली वस्तु निगल ली। उसे तुरंत अस्पताल दाखिल करवाया गया। बुर्जुग किसान की हालत गंभीर बनी हुई है।
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए जा रहे तीन विधेयकों का विरोध करते हुए शुक्रवार को पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के घर के बाहर किसान ने जहर खा लिया।
बादल गांव के एक किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की।
उसने मौके पर मौजूद अपने साथियों को बता दिया उसने जहर खा लिया है। तुरंत आनन फानन में एंबुलेंस बुलाई गई और उसे अस्पताल ले जाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार 60 वर्षीय किसान ने शुक्रवार सुबह अन्य किसानों को बताया कि उन्होंने जहर खा लिया है।
जिस पर तुरंत एंबुलेंस बुलाई गई और प्रदर्शन स्थल के पास तैनात पुलिस अधिकारियों को भी सूचना दी गई। पुलिस उसे पास के अस्पताल में ले गई जहां उसकी हालत गंभीर है।
बता दें लोकसभा ने गुरुवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक पारित कर दिया था। आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक पहले ही पारित हो चुका है।
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिलों के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान आंदोलित हैं. वहीं पंजाब में पूर्व सीएम बादल के घर के बाहर किसान 6 दिन से धरने पर बैठे हैं।
पंजाब से कांग्रेस सांसदों ने जलाईं कृषि विधेयक की प्रतियां,
इस विधेयक के विरोध में कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि सरकार द्वारा लाए गए कृषि संबंधी विधेयक हरित क्रांति के मकसद को बेमानी बना देंगे और ये ‘कृषि के भविष्य का मत्यु नाद’ साबित होंगे।
इसने आरोप लगाया कि मोदी सरकार कोरोना वायरस महामारी की तरह किसानों के जीवन और उनकी आजीविका पर हमला कर रही है।
कांग्रेस के सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए।
पंजाब से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के लोकसभा सदस्यों ने बृहस्पतिवार को संसद परिसर में कृषि से संबंधित विधेयकों की प्रतियां जलाईं और इनको वापस लेने की मांग की।