Prabht Times
जालंधर। डिप्स चेन के सभी स्कूलो में विश्व बाघ दिवस मनाया गया। विद्यार्थियों ने टाइगर के फेस मास्क पहन कर, फेस पेंटिंग बनाकर तो कुछ बच्चों ने ड्राइंग, कलरिंग करते हुए सेव टाइगर का संदेश दिया। बच्चों ने टाइगर के बारे में अपने सहपाठियो को जानकारी देते हुए बताया कि बाघ का वैज्ञानिक नाम पैंथरा टाइग्रिस है और दुनिया के 70 फीसदी बाघ भारत में पाए जाते है।
टीचर्स ने बच्चों को बताया कि 20 वीं सदी की शुरूआत के बाद वैश्विक स्तर पर 95 फीसदी से अधिक बाघ की आबादी कम हो गई है। जिसका मुख्य कारण जंगलों का खत्म होना और जलवायु परिवर्तन है। इसके अतिरिक्त टाइगर के चमड़े, हड्डियों और शरीर के अन्य भागों के लिए अवैध शिकार किया जाता है जिस कारण इनकी आबादी कम होती जा रही है। उन्होंने बताया कि बाघ प्राकृति को संतुलित बनाए रखने में बहुत ही मददगार होता है।
प्रिंसिपल्स ने कहा कि दुनिया भर में बाघ की एक नहीं बल्कि कई तरह की प्रजातियां पाई जाती है।  टाइगर हमारे देश का राष्ट्रीय पशु है पर बड़े दुख की बात है कि ये समय के साथ विलुप्त होते जा रहे है। इसलिए आज हमें 29 जुलाई को अंतराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके।

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