Prabhat Times
चंडीगढ़। (ex ips officer simranjit singh maan new mp from constituency) पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट से सिमरनजीत सिंह मान नए सांसद बन गए हैं। मान अपने राजनीतिक करियर में तीसरी बार MP चुने गए हैं।
77 साल के सिमरनजीत सिंह मान ने उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी AAP के कैंडिडेट को हराकर धमाकेदार जीत दर्ज की।
संगरूर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का गृह जिला है और यह सीट उनके इस्तीफे के बाद ही खाली हुई थी। यहां से AAP कैंडिडेट गुरमेल सिंह को मिली शिकस्त से पार्टी को तगड़ा झटका लगा है।
सूबे की गर्मपंथी सियासत के केंद्र माने जाने वाले अकाली दल (अमृतसर) के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान IPS अधिकारी रहे हैं।
मान ने 1966 में सिविल सर्विस एग्जाम दिया और इसके बाद 1967 में वह भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए चुने गए।
उन्हें पंजाब कैडर मिला। इस दौरान वह लुधियाना में ASP रहे। फिर फिरोजपुर और फरीदकोट में SSP रहे। फिर वह मुंबई में CISF के ग्रुप कमांडेंट रहे।
ऑपरेशन ब्लू स्टार से नाराज होकर छोड़ी कुर्सी
सिमरनजीत सिंह मान ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 18 जून 1984 को सिख विरोधी दंगों और ऑपरेशन ब्लू स्टार में अमृतसर स्थित श्री हरमिंदर साहिब पर हमले के विरोध में इस्तीफा दे दिया।
भारत-नेपाल सीमा पर मान को तीन अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। बाद में मान पर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की साजिश में शामिल होने से लेकर देशद्रोह तक कई केस दर्ज हुए।
जेल से लड़ा था 1989 का लोकसभा चुनाव
पांच साल तक लगातार भागलपुर की जेल में नजरबंद रहे मान ने 1989 के लोकसभा चुनाव में तरनतारन हलके से नामांकन भरा। उन्होंने 5,27,707 वोट लेकर रिकॉर्ड जीत कायम की।
उनके मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अजीत सिंह मान (जिला अमृतसर कांग्रेस अध्यक्ष) ने चुनाव लड़ा। इस सीट पर मान ने 561883 वाेट में से 527707 वाेट लेकर कांग्रेस के अजीत सिंह मान काे 480417 वाेटाें से हराया।
चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी। तरनतारन से लोकसभा सदस्य बनने पर उन्हें रिहा किया गया।
जहां बनाया रिकॉर्ड, वहीं जब्त हुई जमानत
सिमरनजीत सिंह मान ने जेल में रहते तरनतारन से लाेकसभा चुनाव लड़ा। चुनाव में 93.92 फीसदी वाेट हासिल करने वाले मान का रिकाॅर्ड 30 साल बाद भी काेई नहीं ताेड़ पाया। हालांकि 25 साल बाद इसी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर उनकी जमानत जब्त हो गई थी।
1999 में जीते दूसरा लोकसभा चुनाव
20 मई 1945 को एक राजनीतिक घराने में सिमरनजीत सिंह मान का जन्म हुआ। उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल जोगिंदर सिंह मान 1967 में विधानसभा स्पीकर भी रहे।
मान ने 1999 में दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। तरनतारन हलके से रिकॉर्ड तोड़ जीत के बाद भी मान देश की संसद में नहीं पहुंच पाए। उन्होंने संसद में श्रीसाहिब (कृपाण) हाथ में लेकर जाने की जिद्द की।
2014 के लोकसभा चुनाव में सिमरनजीत सिंह मान ने हलका खडूर साहिब (पहले तरनतारन) से अकाली दल अमृतसर की ओर से नामांकन भरा।
चुनाव में कुल 17 प्रत्याशी मैदान में थे। मान को चुनाव में 13,990 वोट ही नसीब हुए। वह चुनाव नतीजे में चौथे नंबर पर आए और उनकी जमानत तक जब्त हो गई।
सिद्धू मूसेवाला ने किया था समर्थन
गौरतलब है कि पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला (जिनका कुछ समय पहले मर्डर कर दिया गया) ने भी सिमरनजीत सिंह मान का समर्थन किया था।
मूसेवाला चुनाव में मान के लिए प्रचार भी करने वाले थे। मान की जीत का एक कारण यह भी माना जा रहा है।
पंजाब में सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद AAP सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठे थे, क्योंकि मर्डर के एक दिन पहले ही प्रदेश सरकार ने उनकी सुरक्षा हटाई थी।
विधानसभा चुनाव हार गए थे
सिमरनजीत मान हर बार विधानसभा चुनाव लड़ते रहे हैं। इसी साल उन्होंने अमरगढ़ सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि यहां से आम आदमी पार्टी के जसवंत सिंह गज्जनमाजरा ने 6043 मतों से उन्हें हरा दिया।
इसके बाद सिमरनजीत मान ने कहा कि वह पार्टी की लगाई ड्यूटी के मुताबिक हर बार चुनाव लड़ते हैं। मान के राजनीतिक करियर की बात करें तो 1999 के बाद उन्हें जनता ने लगातार नकारा है।
23 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद उन्हें अब संगरूर सीट से तीसरी बार जीत मिली है।
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