जालंधर (ब्यूरो): पंजाब के डी-एडीक्शन सैंटरों में खुर्दबुर्द हुई 200 करोड़ की बुप्रेनोरफिन टेबलेट (Buprenorphine) के मामले की जांच के लिए अब प्रवर्त्तन निदेशालय (ED) ने कमर कस ली है। ED के राडार पर पंजाब के करीब 70 बड़े अस्पताल हैं।
पिछले तीन महीने से पंजाब के सेहत विभाग द्वारा करोड़ों के इस स्कैम की जानकारी न दिए जाने के कारण अब ED ने अपने स्तर पर इस करोड़ों के ड्रग घोटाले की जांच शुरू करने का मन बना लिया है।
बता दें कि पंजाब सरकार द्वारा नशे के गर्क में डूबे युवाओं को नशा छोड़ कर मुख्यधारा में लाने के लिए राज्य में डी-एडीक्शन सैंटर चलाए गए थे। जहां पर समय समय पर नशा छोड़ने के लिए बुप्रेनोरफिन टेबलेट भेजी गई।
पता चला है कि सरकार ने साल 2019 जनवरी से नवंबर तक करीब 8.33 करोड़ बुप्रेनोरफिन टेबलेट पंजाब के डी-एडीक्शन सैंटरों में भेजी। लेकिन नियम मुताबिक इन सैंटरों द्वारा ये टेबलेट किन पेशैंट को दी गई के बारे में सरकार को जानकारी नहीं दी।
सेहत विभाग के रिकार्ड के मुताबिक करीब 5.3 करोड़ बुप्रेनोरफिन टेबलेट मिसिंग बताई गई हैं। जिसकी कीमत 200 करोड़ रूपए आंकी गई है।
सेहत विभाग द्वारा खुर्दबुर्द हुई 200 करोड़ की टेबलेट के बारे में संबंधित अस्पतालों को नोटिस भेज कर जानकारी मांगी। स्पष्ट लिखा गया कि अगर वे जानकारी नहीं देते तो उनके खिलाफ एन.डी.पी.एस. एक्ट के अधीन कार्रवाई होगी। ये मामला अभी लंबित है।
सेहत विभाग ने नहीं दी जानकारी तो ED अपने स्तर पर करेगी जांच
करोड़ों के इस ड्रग घोटाले में सेहत विभाग तो धीमी गति से काम कर रहा है, लेकिन अब ये मामला ED की नज़र में आ गया है। पता चला है कि ED द्वारा इस साल के शुरू में करोड़ों के इस ड्रग घोटाले की जानकारी सेहत विभाग से मांगी।
ED ने सेहत विभाग को लिखित भेजा कि इस संबंधी सभी अस्पताल की लिस्ट और खुर्द बुर्द हुई बुप्रेनोरफिन के बारे में जानकारी दी जाए। लेकिन आज करीब 6 महीने बीत जाने के बावजूद सेहत विभाग ने इस संबंधी जानकारी ED को नहीं भेजी।
लेकिन अब पता चला है कि ED ने करोड़ों के इस स्कैम की जांच अपने स्तर करने का मूड बना लिया है। अति सुविज्ञ सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इस स्कैम से जुड़े पंजाब के करीब 67 अस्पताल ED के निशाने पर हैं।
पता चला है कि ED अधिकारियों द्वारा अपने निजी सोर्स के माध्यम से बुप्रेनोरफिन स्कैम के बारे में जानकारी जुटा ली है। अगर पंजाब सरकार द्वारा आने वाले कुछ दिनों में ED को इस संबंधी अधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी जाती तो ED द्वारा अपने स्तर पर ही केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी जाएगी।
सरकारी कीमत 200 करोड़, मार्किट कीमत 500 करोड़!
सूत्रों ने बताया कि बुप्रेनोरफिन टेबलेट की सरकारी कीमत बेशक 200 करोड़ बताई जा रही है, लेकिन इस टेबलेट को अगर मार्किट में ब्लैक में बेचा जाए तो इसकी कीमत 500 करोड़ है।
सूत्रों ने बताया कि ED के पास सिर्फ 2019 का ही नहीं बल्कि पिछले सालों का भी ब्यौरा जुटाया जा रहा है। ताकि इस रैकेट की जड़ें खोदी जा सकें।