नई दिल्ली (ब्यूरो): अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए चीनी स्टॉक मार्केट से अरबों डॉलर के अमेरिकी पेंशन निधि निवेश को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। ट्रंप ने पुष्टि की है कि उनके प्रशासन ने चीन से अरबों डॉलर के अमेरिकी पेंशन निधि निवेश वापस लेने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है। ट्रंप के इस कदम से चीन के स्टॉक मार्केट को भारी नुकसान हो सकता है।इससे पहले अमेरिका ने चीन पर बौद्धिक संपदा और अनुसंधान कार्य से जुड़ी जानकारियां चोरी करने का भी आरोप लगाया गया था। ‘फॉक्स बिजनेस न्यूज’ पर जब ट्रम्प से उन खबरों के बारे में पूछा गया कि क्या अमेरिका ने चीनी निवेश से अरबों डॉलर की अमेरिकी पेंशन निधि निकाली हैं, तो राष्ट्रपति ने कहा, ‘अरबों डॉलर, अरबों … हां, मैंने इसे वापस ले लिया।’
एक अन्य सवाल में, राष्ट्रपति से पूछा गया कि क्या वह अमेरिकी शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने के लिए चीनी कंपनियों को सभी शर्तों का पालन करने के लिए मजबूर करेंगे? ट्रंप ने कहा, ‘हम इस मामले पर बहुत करीब से ध्यान दे रहे हैं। यह बहुत आश्चर्यजनक है, लेकिन इस मामले में एक समस्या है। मान लीजिए कि हम ऐसा (शर्तों का पालन करने के लिए मजबूर) करते हैं, ठीक है? तो फिर वे क्या करेंगे? वे लंदन या किसी अन्य स्थान पर इसे सूचीबद्ध कराने जाएंगे।’
कमाई साझा नहीं करती चीनी कंपनियां
आरोप है कि अलीबाबा जैसी चीनी कंपनियों को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन वे उस तरह कमाई की जानकारी साझा नहीं करते, जिस तरह कोई अमेरिकी कंपनी करती है। इस बीच, कुछ समाचार रिपोर्टों के अनुसार, चीन उन अमेरिकी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है, जिन्होंने कोरोना वायरस प्रकोप से निपटने में लापरवाही बरतने को लेकर चीन के खिलाफ प्रतिबंध लगाने वाली मांग संबंधी प्रस्ताव सीनेट में पेश किया है। कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद अमेरिका और चीन के संबंध बिगड़ गए हैं। अमेरिका ने कोरोना वायरस से निपटने में चीन के रुख पर निराशा व्यक्त की है। कोरोना वायरस अब तक अमेरिका में 80,000 से अधिक लोगों की जान ले चुका है।
ट्रंप ने चीन से सारे रिश्ते तोड़ने की धमकी दी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर में कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर चीन से सारे रिश्ते तोड़ने की धमकी दी। ट्रंप ने फॉक्स बिजनेस न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “कई चीजें हैं जो हम कर सकते हैं, हम सारे रिश्ते तोड़ सकते हैं। पिछले कई हफ्तों से राष्ट्रपति पर चीन के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ रहा है। सांसदों और विचारकों का कहना है कि चीन की निष्क्रियता की वजह से वुहान से दुनियाभर में कोरोना वायरस फैला है। एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फिलहाल बात नहीं करना चाहते हैं। हालांकि उनके जिनपिंग से अच्छे रिश्ते हैं। ट्रंप ने कहा कि चीन ने उन्हें निराश किया है।