बुलंद हौंसलो से मिलती है सफलता की ऊंचाईयां:लैफ्टीनेंट कर्नल डाक्टर हरप्रीत कौर बल
जालंधर। खुमार तेरे इश्क का ऐसे चढ़ा है वतन, सुबह का पहला शब्द होता है वंदे मातरम। इसी जकाबे के साथ अपने जीवन के कामयाबी के मुकाम पर है डिप्स ढिलवां की पूर्व छात्रा व आज की भारतीय आर्मी की लैफ्टिनैंट कर्नल डा. हरप्रीत कौर बल। जो पटियाला के मिल्ट्री अस्पताल में गायनकौलोजिस्ट है।
डा. हरप्रीत ने बताया कि शुरू से ही उन्हें आर्मी के प्रति लगाव व देश के प्रति कुछ कर दिखाने की भावना थी जिसे प्रफुल्लित किया डिप्स ने। असल में मेरी सफलता का मूल मत्र मुझे डिप्स ने दिया। आज वह जो भी है डिप्स की बदौलत है।
इसलिए आज वह तहे दिल से डिप्स की मैनेजमैंट चेयरमैन स. गुरबचन सिंह तथा एम.डी तरविंदर सिंह का धन्यवाद करती है जिन्होंने गांव में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्कूल खोल कर विद्यार्थियों को शिक्षा व ज्ञान की रौशनी देकर प्रज्जवलित किया।
डिप्स ने बनाया मुक्कमल
डा हरप्रीत ने बताया कि उन्होंने डिप्स में पांचवीं कक्षा में डिप्स में दाखिला लिया तथा अपनी हायर सैकेडरी यही से प्राप्त की।
पांचवीं से लेकर 12वीं कक्षा तक वह ही स्कूल की हैड गर्ल भी रही। स्कूल ने उन्हें हर वह सुविधा उपलब्ध करवाई जिस से उनके जीवन के हर पक्ष में आगे बढऩे का मौका मिल सके।
शिक्षा से लेकर खेलों तक सह-सहायक गतिविधियों से लेकर संगीत तक हर पक्ष की ओर विशेष ध्यान दिया जाता था।
यही ही नहीं इस के साथ साथ कम्पीटीशन प्रतियोगिताओं की तैयारी भी हमें स्कूल में प्राप्त होती । अगर यह कहा जाए कि हर पत्र से विद्यार्थियों को मुकम्मल करना ही संस्थान का उदेश्य है तो गलत न होगा।
हौसले बुलंद तो कामयाबी रहेगी सदा संग
हौसले बुलंद हो तो कामयाबी सदा आपके संग रहती है यह मूल मंत्र डिप्स की पूर्व अंग्रेजी अध्यापिका व आज की डिप्स चेन की सी.ई.ओ मोनिका मंडोत्रा द्वारा सिखाई शिक्षा आज भी उन्हें समरण है।
इसी के साथ उन्होंने नीलम मैम, सैनी सर, मीनाक्षी मेहता तथा संगीत के कत्थक सर द्वारा दी गई तालीम बाखूबी याद है।
जिसे मैने सदा अपने मस्तिष्क में रखा तथा उसी के साथ ए.एफ.एम.सी( आर्मड फोर्सिस मैडिकल कालेज पुने) की परीक्षा दी तथा उसे पास भी किया।
उन्होंने बताया कि इस कॉलेज में देश भर में कई लाख विद्यार्थी परीक्षा देते है किन्तु केवन 25 छात्र ही चयनित किए जाते है।
स्कूल संग जुड़ी कई सुनहरी यादे
डा. हरप्रीत का मानना है कि डिप्स के साथ उनकी कई सुनहरी यादे जुड़ी है खास कर वहा पर दोस्तो मनदीप, अमरप्रीत सरगोदिया तथा पल्लवी वासदेव संग बिताए मस्ती के पल। जो आज भी याह आते है तो मन को खुशी की लहरों से भर देते हैं।
उन्होंने बताया कि उनकी वहन रूपिंदरजीत कौर बल तथा उनके भाई इंदर पाल बल ने भी इसी स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है। रूपिंदर आज एम.डी पथॉलोजी है तथा इंद्रपाल यूनाइटिड स्टेट में डैटिस्ट है।
आज वह जिस मुकाम पर है वह उनके माता-पिता तथा अपने अध्यापकों के मार्ग दर्शन पर चलकर ही प्राप्त कर सही है।