चंडीगढ़। आजकल फर्जीवाड़े (Digital Fraud) का खेल बड़े पैमाने पर हो रहा है। बैंक अपने ग्राहकों को लगातार आगाह करता है कि फर्जी कॉल से सावधान रहें।
अगर कोई आपके कार्ड का नंबर, सीवीवी, ओटीपी, पासवर्ड जैसी जानकारी मांग रहा है तो, इसे जरूर शेयर नहीं करें।
इतना सबकुछ होने के बावजूद दिल्ली में एक महिला के अकाउंट से करीब 14 लाख रुपये निकाल लिए गए और उसे इसका पता भी नहीं चला।
मोबाइल नंबर बंद तो हो जाएं सावधान
इससे पहले कि आपको इस खेल के बारे में पूरी जानकारी दें, इस बात को याद रखें कि अगर आपका मोबाइल नंबर अचानक बंद हो जाता है और वह नंबर आपके बैंक अकाउंट से लिंक है तो सावधान हो जाएं।
संभव है कि आपको देरी की भारी कीमत चुकानी पड़े। इन हालात में सबसे पहले बैंक से संपर्क करें और अकाउंट सुरक्षित करें।
शाहदरा का मामला
यह मामला दिल्ली के फर्श बाजार थाना क्षेत्र का है। एक अनजान शख्स ने महिला के मोबाइल का सिम बंद करा दिया।
इसके बाद बैंक जाकर अपना नंबर खाते से अटैच करवा लिया। 5 दिन में खाते से सारे पैसे निकाल लिए और 6.50 लाख के 3 फिक्स्ड डिपॉजिट भी तुड़वा लिए।
इस तरह से कुल करीब 13 लाख 40 हजार रुपये हड़प लिए। बैंक खाते से अटैच फोन नंबर बदले जाने से महिला के पास पैसे निकलने से जुड़े मेसेज आने बंद हो गए थे।
महिला को फर्जीवाड़े का पता ही नहीं चला। पीड़िता को जब बैंक अकाउंट खाली होने की जानकारी मिली, तो सोमवार को शाहदरा जिले के फर्श बाजार थाना पुलिस ने ठगी का मुकदमा दर्ज कर लिया।
अचानक मोबाइल नंबर काम करना बंद
बिहारी कॉलोनी में रहने वालीं टीना अरोड़ा (35) के पास 1 सितंबर को एक फोन वाउचर लेने के लिए कॉल आया।
उनसे पति का भी नंबर मांगा, लेकिन उन्होंने शेयर नहीं किया। अचानक 2 सितंबर को उनके सिम ने काम करना बंद कर दिया।
वह 6 सितंबर को सर्विस प्रोवाइडर के कस्टमर केयर सेंटर गईं। पता चला कि उनका सिम किसी ने बंद करवा दिया है। सिम दोबारा शुरू करवाना होगा।
सेविंग अकाउंट खाली, FD तुड़वा लिए गए
इस दौरान पता चला कि 2 से 6 सितंबर के बीच उनका बैंक अकाउंट खाली हो गया। करीब 6.90 लाख रुपये सेविंग अकाउंट से गायब थे।
कुछ पैसे किसी अकाउंट में आरटीजीएस किए गए थे। एक जूलर को 4.50 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे।
3 फिक्स्ड डिपॉडिट भी तुड़वाकर हड़प ली गईं, जो 6.50 लाख रुपये की थीं।
इस सारे फर्जीवाड़े को उसी मोबाइल नंबर से अंजाम दिया गया था, जिससे टीना को कॉल आई थी।
दिलचस्प यह है कि उन्होंने किसी को एटीएम का पिन नंबर शेयर नहीं किया था।
बैंक को भी खाते से लिंक मोबाइल नंबर चेंज करने के लिए कोई ऐप्लिकेशन नहीं दी थी।