जालंधर (ब्यूरो): इस बार कोविड-19 के कारण समाजिक दूरी को अपनाते हुए कॉलेज में पौधे लगाने के लिए प्रिंसिपल डा. एस. के. अरोड़ा, एनएसएस कोऑर्डिनेटर प्रो. एस. के. मिड्डा, ऑफिस सुपरिटेंडेंट श्री आर.के. महाजन एवम एनएसएस वोलंटियर आकाश ही कॉलेज में शामिल थे। जबकि बाकी एनएसएस एवम रेड रिबन क्लब के वॉलनटिअर्स वेवम सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसमें शामिल हुए।
इस मौके पर प्रिंसिपल डा. एस. के. अरोड़ा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज एक बहुत मुश्किल समय है। आज हम सबको आगे बढ़कर पर्यावरण को बचाना है, परन्तु साथ साथ सामाजिक दूरी का भी ध्यान रखना है। इसलिए आज हम सभी को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होने चाहिए।
प्रकृति हमारी सबसे बड़ी मित्र है, यह हमें जीवन प्रदान करती है। लेकिन जैसे-जैसे शहर विकसित हो रहे हैं, हरियाली कम और कंक्रीट के जंगल बढ़ते जा रहे हैं। हर साल प्रदूषण के मामले में बढ़ोतरी हो रही है। प्रदूषण की वजह से मौत के आंकड़े भी बढ़ जाते हैं।
यदि हम अभी से नहीं चेते तो आने वाले कुछ सालों में साफ हवा में सांस लेने के लिए सिर्फ पहाड़ और जंगल ही बचे रह जाएंगे। प्रदूषण लगातार हमारी सांसें कम कर रहा है। नए पैदा होने वाले कई बच्चों पर इसका असर भी दिख रहा है।
पेड़ कम होने से तपिश बढ़ रही है और वर्षा भी कम हो रही है। इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। आज विश्व पर्यावरण दिवस है, ऐसे मौके पर हम सभी को कोई ऐसा प्रण लेना चाहिए जो आने वाली पीढ़ियों को साफ सुथरी हवा देने में मददगार हो सके।
उन्होंने विद्यार्थियों को अपने घरों एवम आस-पास ही पौधे लगाने का संदेश दिया ताकि हम समाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण को भी बचा सकें। एनएसएस कोऑर्डिनेटर प्रो. एस. के. मिड्डा ने कहा कि कोविड 19 महामारी के दौरान हमें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
हम सभी अपने घरों में बंद हो गए, लेकिन इस दौरान हमें एक चीज देखने को मिली कि जिस प्रकृति को हम वर्षों से प्रदूषण द्वारा नष्ट कर रहे थे, वो इस महामारी के दौरान काफी साफ हुई। हमारा वातावरण शुद्ध हो गया। वातावरण में प्रदूषण इतना कम हुआ कि हमें 200 किलोमीटर दूर पहाड़ियां भी दिखने लगी।
हवा बहुत ही शुद्ध हो गई, जिससे सांस की बीमारियों का खतरा कम हुआ। भगवान ने हमें प्रकृति की सौगात दी है, जो हमें हर पल पौषित करती है। आज हम पेड़ काटकर उस प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
उस प्रकृति की रक्षा करने की ज़िम्मेदारी हम सब के कंधों पर है। इस विश्व पर्यावरण दिवस पर हमें प्रण लेना चाहिए कि हम प्रकृति की रक्षा करेंगे और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएंगे।