जालंधर (ब्यूरो): DAV कॉलेज जालंधर को “द एजुकेशन वर्ल्ड इंडिया हायर एजुकेशन स्टेट रैंकिंग 2020-21” में पंजाब के सर्वश्रेष्ठ कॉलेज और देश भर में 34वें स्थान पर आने पर गौरव हासिल हुआ। पंजाब के दस सर्वश्रेष्ठ गैर-स्वायत्त कॉलेजों में से एक को हाल ही में जारी किया गया है, जिसमें डी.ए.वी. कॉलेज, जालंधर ने 700 में से 513 अंक प्राप्त किए और सर्वोच्च स्थान हासिल किया। इस पुरस्कार के लिए देश के उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों को उनकी उच्च गुणवत्ता के आधार पर नॉमिनेट किया गया था।
इस मौके पर प्रिंसीपल डा. एस. के. अरोड़ा ने कहा कि पूरे भारत के शिक्षण संस्थानों में DAV कॉलेज को 34वां और पंजाब प्रदेश में पहला स्थान मिलना वास्तव में अभूतपूर्व और गौरवान्वित करने वाली उपलब्धि है।
यह हमारी कड़ी मेहनत, समर्पण, प्रदर्शन मानकों और उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्धता का नतीजा है।डीएवी कॉलेज, गुरु नानक विश्वविद्यालय का एक प्रमुख कॉलेज है। कॉलेज का प्रशासन और फ़ैकल्टी सभी छात्रों के सम्पूर्ण विकास के लिए एक साथ काम करता है।कॉलेज में शैक्षणिक दृढ़ता, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों, सामाजिक जागरूकता और नैतिक जिम्मेदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एक मजबूत परंपरा रही है। डी ए वी का उद्देश्य कॉलेज के बुनियादी ढाँचों और माहौल को परिष्कृत करना है।
इस उपलब्धि के लिए अपनी मैनेजमैंट कमेटी ख़ास तौर पर कमेटी के प्रधान डॉ पूनम सूरी जी का और कॉलेज के सम्पूर्ण टीचिंग, नोन टीचिंग और स्टूडेंट्स जो की मेरी शक्ति है और उन सबका जिन्होंने कॉलेज की बेहतरी में लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में अपना योगदान दिया, का तह दिल से धन्यवाद देता हूँ।
1918 में रखी गई थी DAV कालेज की नींव
DAV कॉलेज जालंधर की नींव 13 मई, 1918 में उस दौर के प्रिंसिपल पंडित मेहर चंद, पंडित लखपत राय और लाला राधा राम ने महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की याद और उनके शिक्षा विषयक मौलिक विचार को पूर्ण करने के लिए रखी। तब से लेकर अब तक यह DAV कॉलेज जालंधर समाज और देश में ज़िम्मेदार नागरिक प्रदान करने में सफल रहा है।यहाँ सिर्फ पढ़ाया ही नहीं जाता, बल्कि बच्चों में नैतिक मूल्यों को पैदा किया जाता है। कॉलेज के निर्माण के दौरान प्रिंसिपल मेहर चंद नें खुद ईंटों का चुनाव किया जो आगे चल कर विरासत के निर्माण के लिए इस्तेमाल की गई।