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नई दिल्ली। (cyclone biparjoy massive destruction in gujarat) चक्रवात ‘बिपरजॉय’ शुक्रवार को गुजरात के तट से टकराया।

इस चक्रवाती तूफान की चपेट में आकर 2 लोगों की मौत और करीब 22 लोगों के घायल होने की सूचना है, जबकि 23 पशुओं की भी मौत हुई है।

चक्रवात के कारण गुजरात के विभिन्न स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हुई भारी बारिश से 524 से अधिक पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए, जिससे लगभग 940 गांवों में बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है।

राजस्थान की ओर बढ़ रहा चक्रवात

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि चक्रवात बिपरजॉय की तीव्रता गुजरात के तट से टकराने के बाद कम हो गई है।

IMD के निदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, “चक्रवात अब समुद्र से जमीन की ओर बढ़ गया है और सौराष्ट्र-कच्छ की ओर केंद्रित है। चक्रवात की तीव्रता घटकर 105-115 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है।”

उन्होंने कहा, “16 और 17 जून को राजस्थान में अत्यधिक वर्षा होने की संभावना है और चक्रवात उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है।”

राजस्थान में भी तबाही शुरू

बिपरजॉय तूफान की गुरुवार रात बाड़मेर जिले के बाखासर में एंट्री हो चुकी है. कच्छ के तट से सटे और सरहद के इस आखिरी गांव से कुछ तस्वीरें भी आई है.

गांव के आसपास सीमावर्ती सेड़वा और धोरीमन्ना में भी बिपरजॉय तूफान का असर देखने को मिला है.

गुरुवार रात को यहां तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश का दौर शुरू हुआ. इन तूफानी हवाओं की वजह से आसपास के इलाके में बिजली के पोल गिर कर धराशाई हो गए, तो कुछ इलाकों में पेड़ भी उखड़ गए हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने फोन पर स्थिति का जायजा लिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और चक्रवाती तूफान से हुए नुकसान की स्थिति का जायजा लिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने गिर वन में शेरों सहित अन्य जंगली जानवरों की सुरक्षा-व्यवस्था के बारे में भी पूछा।

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भावनगर में पिता और पुत्र की मौत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात के भावनगर में तूफान के कारण पिता-पुत्र की मौत हो गई।

यहां सिहोर शहर के पास स्थित भंडार गांव से गुजरने वाले एक गड्ढे में गुरुवार सुबह से हो रही बारिश के कारण पानी भर गया।

बकरियों का एक झुंड इस गड्‌ढे में फंस गया था और उन्हें बचाने गए 55 साल के रामजी परमार और उनके 22 साल बेटे राकेश परमार की इस हादसे में मौत हो गई, जबकि 23 बकरियां भी मर गईं।

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कई जिलों में भारी नुकसान की आशंका

गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडेय ने बताया कि चक्रवाती तूफान के चलते कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, मोरबी, राजकोट और जूनागढ़ में भारी नुकसान की आशंका है और प्रशासन आज प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगा।

उन्होंने कहा कि आंकलन के बाद ही तूफान से हुए नुकसान की वास्तविक जानकारी मिलेगी और उन्हें अभी तक 22 लोगों के घायल होने और 23 पशुओं की मौत की सूचना मिली है, जबकि तूफान के चलते कई जगहों पर करीब 524 पेड़ गिरे हैं।

राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं NDRF और SDRF की टीमें

गुजरात सरकार ने कहा कि 94,000 से ज्यादा लोगों को तटीय इलाकों से आश्रय गृहों में स्थानांतरित किया गया है।चक्रवात का असर रेल सेवाओं पर भी पड़ा है।

पश्चिम रेलवे ने बिपरजॉय के कारण गुजरात में लगभग 99 ट्रेनों को रद्द कर दिया है।

यहां राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 18, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की 12, राज्य सड़क और भवन विभाग की 115 टीमें और राज्य बिजली विभाग की 397 टीमें तैनात हैं।

द्वारकाधीश और सोमनाथ मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद

चक्रवाती तूफान के चलते गुजरात के तटीय इलाकों में अभी सभी गतिविधियां निलंबित हैं और बंदरगाहों को बंद किया गया है।

इसके अलावा देवभूमि द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर और गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद किया गया है।

जामनगर एयरपोर्ट पर आज भी सभी व्यावसायिक उड़ानों को रद्द किया गया है। यहां केवल आपातकालीन और बचाव कार्य से जुड़े विमानों के लिए ही एयरपोर्ट खुला रहेगा।

वीडियो – मुंबई में बिपरजॉय का असर

9 राज्यों में अलर्ट

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के खतरे को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक सब अलर्ट पर हैं.

गुजरात में एनडीआरएफ की 17 टीमें और एसडीआरएफ की 12 टीमें तैनात हैं. वहीं, नौसेना के 4 जहाज अभी स्टैंडबाय में रखे गए हैं.

तट के पास रहने वाले 74,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

मौसम विभाग के अनुसार, गुजरात और महाराष्ट्र समेत 9 राज्यों पर महातूफान का असर है.

ये 9 राज्य लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और राजस्थान (पश्चिमी) हैं.

लैंडफॉल के बाद भी जारी रहेगी मुसीबत

जानकारों का कहना है कि शुक्रवार को बारिश होने के चलते बिजली सप्लाई को बहाल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

लोगों को और अधिक समय तक बिना बिजली के रहना होगा. वहीं जिन लोगों के घर तबाह हुए हैं, उन्हें भी अपने-अपने ठिकानों पर जाने के लिए और इंतजार करना होगा.

तब तक वे सरकार द्वारा तैयार किए गए शेल्टर में ही ठहरेंगे. साथ ही जो नुकसान तूफान से हुआ है, उसका अनुमान लगाने में भी समय लग सकता है.

मौसम विभाग के अलर्ट से स्पष्ट है कि भले ही बिपरजॉय गुजरात से होकर गुजर जाएगा, लेकिन इसका आफ्टर इफेक्ट भी राज्य को खासा प्रभावित करेगा.

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