Prabhat Times
नई दिल्ली। देश को बहुप्रतिक्षित कोरोना वैक्सीन को लेकर ड्रग कंलर जनरल ऑफ इंडिया यानी कि DCGI ने बड़ा ऐलान किया है। डीसीजीआई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि भारत में दो वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।
जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई गई ‘कोविशील्ड’ और भारत बॉयोटेक की ‘को- वैक्सीन’ शामिल है। इसके अलावा जायडस कैडिला की वैक्सीन ‘जाइकोव-डी’ को तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी मिल गई है।
नपुंसक वाली बात बकवास है
DCGI के निदेशक वीजी सोमानी ने बताया कि ये दोनों ही टीके (वैक्सीन) पूरी तरह से सुरक्षित हैं और आपातकालीन स्थिति में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। इन्हें दो-दो डोज के इंजेक्शन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
वीजी सोमानी ने बताया, ‘यदि सुरक्षा संबंधी थोड़ी भी चिंता होती है तो हम कभी भी कुछ भी मंजूर नहीं करेंगे। टीके 100 फीसदी सुरक्षित हैं। हल्का बुखार, दर्द और एलर्जी जैसे कुछ दुष्प्रभाव हर टीका के लिए आम हैं। यह (लोगों को नपुंसक हो सकता है) पूर्ण बकवास है।’
PM मोदी ने किया ट्वीट
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘यह हर भारतीय को गर्व होगा कि जिन दो टीकों को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी गई है वे भारत में बने हैं! यह हमारे वैज्ञानिक समुदाय की उत्सुकता को दर्शाता है।
एक आत्मानिभर भारत के सपने को पूरा करना इसके मूल में है। DCGI ने सीरम इंस्टिट्यूट के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है। भारत को बधाई। हमारे सभी मेहनती वैज्ञानिकों और अविष्कारकों को बधाई।’
WHO ने किया स्वागत
भारत में कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसका स्वागत किया है।
WHO के साउथ ईस्ट एशिया रीजन की रीजनल डायरेक्टर डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा- विश्व स्वास्थ्य संगठन कोविड-19 वैक्सीन्स के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी देने के भारत के निर्णय का स्वागत करता है।
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे के सीईओ अदार पूनावाला ने भी ट्वीट कर सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा- सभी को नया साल मुबारक हो।
कोविशील्ड, भारत के पहले COVID-19 वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। सुरक्षित और प्रभावी यह वैक्सीन आने वाले हफ्तों में रोल-आउट के लिए तैयार है।’
ड्राई रन शुरू
एक व्यापक राष्ट्रव्यापी अभ्यास के तहत शनिवार को सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 125 जिलों में 286 सत्रों में शुरुआत से अंत तक कोविड-19 वैक्सीन देने का पूर्वाभ्यास किया गया।
प्रत्येक जिले ने तीन या ज्यादा स्थानों पर पूर्वाभ्यास किया, जिनमें सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं (जिला अस्पताल/मेडिकल कॉलेज), निजी अस्पताल और ग्रामीण या शहरी आउटरीच स्थान शामिल थे।
दवा बनाने वाली घरेलू कंपनी भारत बायोटेक ने शनिवार को कहा था कि वह कोविड-19 के अपने टीके ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे चरण के नैदानिक (क्लीनिकल) परीक्षण के लिये देश भर में करीब 26 हजार स्वयंसेवक जुटाने का लक्ष्य पाने की राह पर है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के द्वारा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके कोविशील्ड के आपातकालीन उपयोग के आवेदन को मंजूरी दिये जाने के एक दिन बाद कोवैक्सीन को मंजूरी दी गयी है।
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