नई दिल्ली (ब्यूरो): कोविड-19 के तहत प्रशासन के नियमों का पालन नहीं करने के चलते उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
दरअसल, हरीश रावत सोमवार को महंगाई के खिलाफ सड़क पर उतरे थे। महंगाई के विरोध में बैलगाड़ी की सवारी करते हुए सरकार का विरोध प्रदर्शन किया।
लेकिन हरीश रावत कोरोना काल में बनाए गए प्रशासन के नियम को भूल गए। कोविड-19 के तहत प्रशासन के नियमों का पालन नहीं करने के चलते हरीश रावत पर मुकदमा दर्ज किया गया।
आईपीसी धारा 188 और आपदा प्रबंधन अधिनियम धारा 51 के तहत केस दर्ज किया गया है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रावत यहां रायपुर क्षेत्र में आर्डिनेंस फैक्टरी के गेट के निकट पहुंचकर पहले से तैयार एक बैलगाड़ी में बैठ गये।
उनके साथ कुछ पार्टी कार्यकर्ता भी बैलगाड़ी में बैठ गये। इस दौरान रावत सहित सभी कार्यकर्ताओं ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मुंह पर मास्क लगा रखे थे।
इस मौके पर कांग्रेस नेता रावत ने कहा कि पूरे विश्व में कच्चे तेल की कीमतें कम हो रही हैं लेकिन केन्द्र सरकार एक दर्जन से अधिक बार पेट्रोल, ड़ीजल व गैस के दामों को बढ़ा चुकी है जो परिवहन व्यवस्था, खेती किसानी व आटों उद्योग के लिये घातक सिद्ध हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों की बढ़ोत्तरी से आवश्यक वस्तुओं के दाम भी बेताहाशा बढ़ गये हैं जिससे कोरोना वायरस संकट में पहले से ध्वस्त अर्थव्यवस्था और चौपट हो गयी है और आम आदमी की कमर भी टूट गयी है।
ये भी पढ़ें
- इस देश ने जारी किए राष्ट्रपति ट्रंप के विरुद्ध अरेस्ट वारंट
- सेहत विभाग में कोरोना का कहर, इस जिला के सिविल सर्जन भी कोरोना Positive
- जालंधर में कोरोना ने पकड़ी रफ़्तार, 7 मरीज कोरोना Positive