नई दिल्ली (ब्यूरो): देश की वित्त मंत्री ने कोरोना पैकेज के तहत जो घोषणाएं की हैं, उनमें संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी बड़ी राहत दी गई है। खासकर प्रोविडेंट फंड के इस्तेमाल को लेकर सरकार ने काफी घोषणाएं की।
वित्त मंत्री ने ऐलान करते हुए कहा है कि जिनकी सैलरी 15 हजार रुपए से कम है अगले तीन महीनों तक 24 फीसदी प्रोविडेंट फंड सरकार खुद वहन करेगी। वहीं सरकार ने कहा है कि जिन लोगों को रुपए की आवश्यकता है, वो लोग ईपीएफ से 75 फीसदी या फिर 3 महीनों की सैलरी के बराबर निकाल सकेंगे।
खास बात तो ये है कि यह रुपया पूरी तरह से नाॅन रिफंडेबल होगा। आइए आपको भी विस्तार से इस घोषणा के बारे में बताते हैं…
24 फीसदी ईपीएफओ जमा करेेगी सरकार
सरकार ने संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। देश की वित्त मंत्री ने ऐलान करते हुए कहा कि केंद्र सरकार अगले तीन महीने तक कंपनी और कर्मचारियों की ओर से 12-12 फीसदी यानी कुल 24 फीसदी फीसदी ईपीएफओ में अपनी ओर से जमा करेगी।
इसमें कंपनी और कर्मचारियों पर भार नहीं पड़ेगा। सरकार की ओर से एक कंडीशन यह लगाई है कि इसका फायदा उन कंपनियों को मिलेगा जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी 15 हजार रुपए से कम होगी।
इस ऐलान का फायदा संगठित क्षेत्र के 80 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और 4 लाख से ज्यादा कंपनियों को होगा।
यह भी है ऑप्शन
वहीं दूसरी ओर जिन लोगों की सैलरी 15 हजार रुपए से ज्यादा है, इस लॉकडाउन के बीच ऐसे कर्मचारियों को रुपयों की आवश्यकता है तो अपनी कुल ईपीएफ राशि से 75 फीसदी या फिर तीन महीने की सैलरी के बराबर दोनों में जो कम हो निकाल सकेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसका प्रोसेस में भी जल्दी लाई जाएगी। आवेदक को ज्यादा दिनों का इंतजार नहीं करना होगा। लॉकडाउन के बीच ऐसे लोगों को काफी सहुलियत मिलेगी।
ईपीएफओ नियमों में होगा बदलाव
कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन में लोगों को मुश्किल ना हो सरकार ने ईपीएफओ की ओर नियमों में भी बदलाव का ऐलान किया है। इन बदलावों को जल्द कर दिया जाएगा।
ताकि जरुरतमंद लोग जल्द से जल्द फायदा उठा सकें। आपको बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन को देखते हुए 1.70 लाख करोड़ रुपए के गरीब कल्याण पैकेज का ऐलान किया है।