नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर पंजाब और केंद्र सरकार आमने सामने आ गए हैं।
पंजाब में केंद्र सरकार द्वारा रेल सेवाएं रोकने से बिजली का संकट बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते सीएम अमरेंद्र सिंह कांग्रेस विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचे हैं।
सूबे में बिजली की कटौती, खाद की किल्लत और उद्योगों को हो रहे करोड़ों के नुकसान को लेकर लगातार केंद्र सरकार का विरोध कर रहे हैं।
धरने पर बैठने से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस सांसदों के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्मान में राजघाट पहुंचे थे।
कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टियों के विधायक जंतर मंतर पहुंचे हैं। धरने में नवजोत सिद्धू, जालंधर वेस्ट विधानसभा हल्के से विधायक सुशील रिंकू, नार्थ के विधायक बावा हैनरी समेत सभी मंत्री, विधायक धरने में शामिल हुए।
इसी बीच, दिल्ली में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2.30 बजे कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई है। इसमें दिल्ली की अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा।
वहीं मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि बीते सप्ताह उन्होंने रेल मंत्री से बात की थी जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा था कि रेलवे ट्रैक क्लियर करने की उनकी गारंटी है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि हमारा बिल राष्ट्रपति तक नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि सूबे में रेल सेवाएं बंद होने ब्लैक आउट होने के आसार पैदा हो गए हैं।
केद्र सरकार कह रही है कि वह पंजाब में रेल सेवाओं कि सुरक्षा चाहती है, जबकि सरकार रेल सेवाओं की सुरक्षा के लिए स्टेशनों पर पुलिस तैनात करने को तैयार है।
कैप्टन ने कहा कि किसान संगठन भी कह चुके हैं कि वे रेल सेवाओं को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।
सीएम ने यह भी जानकारी दी कि पंजाब को मार्च से कोई GST का 10,000 करोड़ रुपए की बकाया राशि भी नहीं दी जा रही है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर सूबे के साथ सौतेला व्यवहार किए जाने का आरोप भी लगाया है।
इस मौके पर दिल्ली के जंतर-मंतर में विधायक और मंत्री कृषि कानूनों और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।