Prabhat Times
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता अहमद पटेल (Ahmed Patel) का बुधवार तड़के निधन हो गया. यह जानकारी उनके बेटे फैसल पटेल ने दी.
गौरतलब है कि अहमद पटेल को तबियत बिगड़ने के बाद पिछले दिनों गुरूग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
पटेल अक्टूबर के पहले सप्ताह में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे.
एक ट्वीट में उनके बेटे फैसल पटेल ने कहा कि गुजरात के राज्यसभा सांसद का आज तड़के 3.30 बजे निधन हो गया.
उन्होंने लिखा कि -‘बड़े दुःख के साथ सूचित कर रहा हूं कि मेरे पिता श्री अहमद पटेल के असामयिक निधन हो गया.
एक महीने पहले कोरोना संक्रमित पाए जाने बाद उनका स्वास्थ्य मल्टीपल आर्गन फेलियर के कारण और भी खराब हो गया.
अल्लाह जन्नतुल फिरदौस बख्शे.’ पटेल ने अपने सभी शुभचिंतकों से COVID-19 नियमों का पालन करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें.
1976 में राजनीति में आए अहमद पटेल
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने 1 अक्टूबर को कोरोना संक्रमित पाए गए थे और उन्हें 15 नवंबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल की ICU में भर्ती कराया गया था.
1 अक्टूबर को अहमद पटेल ने बताया था कि वह कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. उन्होंने अपने संपर्क में आए लोगों से जांच कराने का आग्रह भी किया था.
आठ बार के सांसद, अहमद पटेल ने लोकसभा में तीन और राज्यसभा में पांच कार्यकाल पूरा कर चुके हैं.
उन्हें अगस्त 2018 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के कोषाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.
अहमद पटेल ने 1976 में गुजरात के भरूच जिले में स्थानीय निकाय चुनाव लड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की.
बाद में उन्होंने गुजरात और केंद्र दोनों में कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे की कमान संभाली.
1985 में, उन्हें तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी को संसद सचिव नियुक्त किया गया था.
अहमद पटेल ने सरदार सरोवर परियोजना की देखरेख के लिए नर्मदा प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
दिग्विजय ने दी श्रद्धांजलि
उनके निधन पर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने लिखा- अहमद पटेल नहीं रहे. एक अभिन्न मित्र विश्वसनीय साथी चला गया.
हम दोनों सन् 77 से साथ रहे. वे लोकसभा में पहुँचे मैं विधान सभा में. हम सभी कॉंग्रेसीयों के लिए वे हर राजनैतिक मर्ज़ की दवा थे. मृदुभाषी, व्यवहार कुशल और सदैव मुस्कुराते रहना उनकी पहचान थी.
उन्होंने लिखा कि कोई भी कितना ही ग़ुस्सा हो कर जाए उनमें यह क्षमता थी वे उसे संतुष्ट कर ही भेजते थे.
मीडिया से दूर, पर कॉंग्रेस के हर फ़ैसले में शामिल. कड़वी बात भी बेहद मीठे शब्दों में कहना उनसे सीख सकता था.
कॉंग्रेस पार्टी उनका योगदान कभी भी नहीं भुला सकती. अहमद भाई अमर रहें.
फैसल के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने लिखा- अहमद भाई बहुत ही धार्मिक व्यक्ति थे और कहीं पर भी रहें, नमाज़ पढ़ने से कभी नहीं चूकते थे.
आज देव उठनी एकादशी भी है जिसका सनातन धर्म में बहुत महत्व है. अल्लाह उन्हें जन्नतउल फ़िरदौस में आला मक़ाम अता फ़रमाएँ. आमीन.
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