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चंडीगढ़। (CM Bhagwant Mann sent notice to Captain amrinder singh and Sukhjinder Randhawa) उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के 55 लाख के कोर्ट केस खर्च पर पंजाब में सियासी बवाल मचा हुआ है।

इस मामले में मौजूदा सीएम भगवंत मान, कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा आमने-सामने हैं।

सीएम मान और कैप्टन के बीच ट्विटर पर जमकर बहस चली। कैप्टन ने CM मान के बयान को मूर्खतापूर्ण बताया तो भगवंत मान ने कैप्टन की अक्लमंदी को पंजाब के बुरे हालातों का कसूरवार ठहरा दिया।

CM मान ने किया एक और ट्वीट

इसी बीच सीएम भगवंत मान ने एक और ट्वीट करके खलबली मचा दी है। सीएम ने ट्वीट करके कैप्टन और सुखजिन्द्र रंधावा को रिकवरी नोटिस जारी कर दिया है।

सीएम मान ने नोटिस की कॉपी ट्वीट करते हुए लिखा कि आ लओ रंधावा साब तुहाडे ‘अंसारी; वाला नोटिस…

इससे पहले एक इंटरव्यू में कैप्टन ने यहां तक कह दिया कि भगवंत मान कोशिश कर लें पैसे रिकवर करने की, मैं हाईकोर्ट लेकर जाऊंगा। वह चाहें तो सब कुछ सहूलियतें बंद कर दे।

मान के 2 साल रह गए, उसके बाद इसे नीचे लाकर जमीन पर नाक रगड़ेंगे। मान ने सारी उम्र चुटकुले सुनाए हैं तो अब भी वहीं सुना रहे हैं।

वहीं रंधावा ने कहा कि अगर CM मान मुझे नोटिस भेजेंगे तो मैं मानहानि का केस करूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे दिल्ली जाना था और फ्लाइट की टिकट भी बुक की थी लेकिन अब नोटिस मिलने के बाद ही जाऊंगा।

CM ने कहा- कैप्टन-रंधावा से वसूलेंगे खर्चा

CM भगवंत मान ने रविवार को ट्वीट करके कहा-” UP के गैंगस्टर अंसारी को अपनी दोस्ती निभाने के लिए पंजाब की जेल में रखने और उसका केस सुप्रीम कोर्ट में लड़ने की 55 लाख फीस पंजाब के खजाने से नहीं दी जाएगी।

यह पैसा तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से वसूला जाएगा। भुगतान नहीं करने की स्थिति में उनकी पेंशन और अन्य सरकारी लाभ रद्द कर दिए जाएंगे।”

कैप्टन ने कहा- CM भगवंत मान का बयान मूर्खतापूर्ण

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट पर ही CM मान को जवाब देते हुए कहा-” ऐसे वाहियात बयान देने से पहले कानूनी और जांच प्रक्रिया को समझो।

आपका ये बयान आपकी अज्ञानता को दिखाता है। अंसारी को कानून के तहत ही जांच के लिए पंजाब लाया गया था। फिर इस पूरी पिक्चर में मुख्यमंत्री और जेल मंत्री कहां से आ गए?”

मान ने जवाब दिया- आप मुगलों, अंग्रेजों के साथ रहे

कैप्टन को जवाब देते हुए मान ने लिखा-”कैप्टन साहब, मैं पंजाब के लोगों के पैसे की रखवाली कर रहा हूं। आप मुझे अज्ञानी कह रहे हो।

कैप्टन साहब, मुगलों के राज के वक्त आप मुगलों के साथ थे..अंग्रेजों के राज के समय आप अंग्रेजों के साथ थे।

कांग्रेस के राज के वक्त कांग्रेस के साथ थे। अकालियों के राज के वक्त अकालियों के साथ थे।

अब भाजपा के राज के समय भाजपा के साथ हो। आपकी ही अक्लमंदी ने पंजाब का बेडागर्क किया है”।

कैप्टन ने कहा- मैं अंसारी को नहीं जानता, कभी देखा नहीं

कैप्टन ने कहा- मैं साढ़े 9 साल CM रहा। मान को डेढ़ साल हुआ है। पहले सीखना चाहिए।

कानून का पता करना चाहिए। भगवंत मान को पता नहीं कि सरकारें कैसे चलती हैं। पता नहीं ऑक्सफोर्ड से कोई डिग्री करके आए हैं।

जब किसी राज्य में कोई क्राइम होता है तो लोकल पुलिस को पूरा अधिकार है कि उसे लेकर आएं। उसकी जांच करें।

वह चाहे कहीं भी बैठा हो। इसमें CM या जेल मंत्री के हाथ में कोई बात नहीं होती। मैं जिंदगी में कभी मुख्तार अंसारी को नहीं मिला।

वह मेरा कोई करीबी नहीं। मैं तो उसे जानता तक नहीं हूं। मैंने उसे देखा तक नहीं है।

रंधावा ने कहा- CM मान अनुभवहीन

सीएम भगवंत मान को जवाब देते हुए पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि अंसारी मामले में उन्होंने कोई पेमेंट नहीं की और फाइल लौटा दी थी।

उन्होंने मान से पूछा कि जब कोई पेमेंट ही नहीं हुई, संबंधित व्यक्ति को उसके पैसे ही नहीं गए तो उनसे रिकवरी किस बात की?

रंधावा ने कहा कि CM भगवंत मान उन्हें रिकवरी नोटिस तो भेजें, कोर्ट में मानहानि का केस करूंगा।

रंधावा ने CM भगवंत मान को अनुभवहीन बताया। रंधावा ने कहा कि अनुभवहीन, अक्षमताएं और बुनियादी जरूरतों की कमी पंजाब के लिए हानिकारक है।

अंसारी के लिए किए वकील की एक पेशी का खर्च 11 लाख

अप्रैल महीने में मुख्यमंत्री कार्यालय ने सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील का बिल लौटा दिया था।

जिन्होंने कैप्टन सरकार के दौरान पंजाब की रोपड़ जेल में मुख्तार अंसारी की हाजिरी बरकरार रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ा था।

इस मामले में वकील की एक-एक पेशी पर पंजाब सरकार का करीब 11 लाख खर्च हुआ था।

इस बात की जानकारी खुद CM मान ने ट्वीट करके दी थी। ट्वीट में कहा गया था कि UP के अपराधी को आराम और सुविधा के साथ रोपड़ जेल में रखा गया था।

48 बार वारंट जारी करने के बाद भी पेश नहीं हुआ। महंगे वकील, कीमत 55 लाख। खर्चे से फाइल लौटा दी गई है।

रोपड़ जेल में बंद था मुख्तार अंसारी

मुख्तार अंसारी करीब ढाई साल (2019-2021) पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था। पंजाब पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर उत्तर प्रदेश से लाई थी।

मोहाली पुलिस ने एक बिल्डर की शिकायत पर मुख्तार अंसारी के खिलाफ केस दर्ज किया था। UP पुलिस चाहती थी कि पंजाब सरकार मुख्तार अंसारी को वापस भेजे, लेकिन पंजाब सरकार अंसारी को वापस भेजने से इनकार करती रही थी।

UP पुलिस पहुंची थी सुप्रीम कोर्ट

UP सरकार ने 25 बार पंजाब सरकार को पत्र लिखकर मुख्तार अंसारी की वापसी की मांग की थी, लेकिन मुख्तार अंसारी की खराब तबीयत का जिक्र किया था।

अंत में UP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके खिलाफ पंजाब सरकार ने एक सीनियर वकील को हायर किया।

इससे पंजाब सरकार के खजाने पर पर 55 लाख का बोझ पड़ा। यही बिल मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास पहुंचा था, जिसे उन्होंने वापस भेज दिया था।

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