जालंधर। जहरीली शराब पीने के कारण हुए बड़े हादसे में करीब 50 लोग जान गंवा चुके हैं। लेकिन पंजाब सरकार द्वारा जांच कमेटी बिठा कर अपना पल्ला झाड़ लिया है। जबकि पंजाब सरकार को सबसे पहले हादसे में जान गंवाने वाले लोगो के परिवारों को उचित मुआवजे के साथ साथ सरकारी नौकरी देने का ऐलान करना चाहिए था।
ये शब्द दलित समाज के नेता चंदन ग्रेवाल ने कहे। चंदन ग्रेवाल ने कहा कि पिछले एक दो दिन में बटाला, अमृतसर, तरनतारन ईलाके में करीब 50 लोगों की जहरीली शराब के कारण मृत्यु हुई। पंजाब में इतना बड़ा हादसा हो जाने के बावजूद पंजाब सरकार नहीं जागी है।
चंदन ग्रेवाल ने कहा कि पिछले दिनों शराब माफिया को लेकर विधानसभा तक में हंगामा खड़ा हुआ था। जिससे स्पष्ट है कि पंजाब में शराब माफिया को सरकार का वरदहस्त प्राप्त है। चंदन ग्रेवाल ने आरोप लगाया कि राज्य में शराब माफिया, खनन माफिया सहित अन्य अवैध कारोबार को पंजाब के बड़े नेताओं की शह है।
जिनकी शह पर हर शहर, गांव, गली मोहल्ले में अवैध कारोबार जोर से चल रहा है। चंदन ग्रेवाल जहरीली शराब हादसे में मारे गए परिवारों से हमदर्दी जताते हुए कहा कि ये लोग गरीब परिवारों से हैं। खुद को दलित और गरीब जनता का हितैषी होने का दावे करने वाली सरकारें असल में गरीब और दलित विरोधी हैं।
चंदन ग्रेवाल ने सवाल उठाया कि जिस बटाला, तरनतारन और अमृतसर में हुए इस हादसे के बारे में किया उक्त जिलों के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को नहीं पता कि अवैध शराब कहां बन रही हैं और कौन लोग ये अवैध कारोबार कर रहे हैं?
चंदन ग्रेवाल ने मांग की है कि एक तो पंजाब सरकार इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवा कर शराब माफिया को बेनकाब करे। जो लोग ये अवैध कारोबार कर रहे हैं उन पर तो कार्रवाई हो ही, लेकिन साथ में इन तथ्यों की जांच भी हो कि ये अवैध कारोबार किन नेताओं, चाहे वो किसी भी पार्टी से क्यों न हो, की शह रही। किन नेताओं के आर्शीवाद से धड़ल्ले से इन शहरों में अवैध कारोबार चल रहा था।
इस अवैध कारोबार की काली कमाई खाने वाले नेताओ को भी जनता की अदालत में बेनकाब किया जाए। चंदन ग्रेवाल ने मांग की है कि हादसे में मरने वाले गरीब व दलित लोगों के परिवारों को सरकार उचित मुआवजा तथा नौकरी का प्रावधान करे। राज्य के गरीब और दलित परिवारों का पोषन करना पंजाब सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।