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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  हर बार की तरह इस बार भी स्वतंत्रता दिवस  के मौक़े पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे, लेकिन कोविड  के चलते इस साल लोगों की भीड़ कम रहने वाली है। अमूमन हर बार भारी तादाद में दर्शक लाल किले पर झंडारोहण को देखने पहुंचते हैं, लेकिन इस बार इसमें कटौती की जा रही है।प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने की बात कही है। उनके आह्वान के बाद सरकार इस दिशा में आगे भी बढ़ रही है। इस बार स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों में आत्मनिर्भर भारत अभियान की झलक देखने को मिलेगी। गृह मंत्रालय की तरफ़ से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बाबत निर्देश दिया गया है।गृह मंत्रालय की तरफ से सभी राज्यों को स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें कहा गया है कोरोना काल में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ मास्क और सैनिटाइजेशन के इस्तेमाल को भी सुनिश्चित किया जाए।

PPE किट में होगी पुलिस की तैनाती

एडवाइजरी के मुताबिक, लाल किले पर सुरक्षा में तैनात पुलिस PPE किट पहनकर रहेगी। मेहमानों के बीच बैठने की दूरी भी बढ़ा दी जाएगी। हर साल लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस पर जश्न के दौरान 1000 के करीब विशेष अतिथि बुलाए जाते हैं, लेकिन इस बार इस संख्या को 250 के करीब तक सीमित रखा जाएगा।

वेब कास्ट के जरिए कार्यक्रम के प्रसारण की सलाह

मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि कार्यक्रम के दौरान तकनीक का बेहतर इस्तेमाल किया जाए। तकनीक के इस्तेमाल से ज़्यादा लोगों तक कार्यक्रम को पहुंचाया जा सकता है। मसलन, वेब कास्ट के जरिए कार्यक्रम के प्रसारण से लोगों की भीड़ भी कम होगी और कार्यक्रम की पहुंच भी ज़्यादा होगी।

सरकार की कोशिश कोरोना वरियर्स को प्रोत्साहित करने की रही है। गृह मंत्रालय ने सबसे महत्वपूर्ण सलाह राज्यों को देते हुए स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर कोरोना वारियर्स, डॉक्टर, हेल्थ वर्कर को विशेष तौर पर बुलाने को कहा है। इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान कोरोना को हराकर वापस लौटने वालों को भी बुलाने की सलाह दी गई है।

एट होम होंगे या नहीं! राज्यपाल करेंगे फैसला

गृह मंत्रालय ने सलाह दी है कि मिलिट्री बैंड के रिकॉर्ड किए गए वीडियो को 15 अगस्त के दिन बड़े स्क्रीन पर दिखाया जाए। कोशिश हो कि डिजिटल तरीके से कार्यक्रम को सफल बनाया जाए।स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर हर साल हर राज्य के राजभवन में एट होम कार्यक्रम की परंपरा रही है। इस कार्यक्रम में राजभवन में राज्य के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ मंत्रियों समेत कई गणमान्य लोग भाग लेते हैं।

इस साल कोरोना के चलते एट होम कार्यक्रम कराने या नहीं कराने का फ़ैसला राज्यपालों पर छोड़ दिया गया है। सलाह दी गई है कि अगर एट होम कार्यक्रम होता है तो सोशल डिस्टेंसिंग के साथ -साथ मास्क भी सुनिश्चित किया जाए।