Prabhat Times
कुन्नूर।  (cds bipin rawat helicopter crash family eyewitness crash incident) तमिलनाडु के कुन्नूर के पास भारतीय वायुसेना का एक हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया. इस हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोग सवार थे. बताया जा रहा है कि कोहरे की वजह से लो-विजिबिलिटी के कारण हादसा हुआ, ऐसा बताया जा रहा है. अभी तक 11 शव बरामद कर लिए गए हैं.
उधर, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हेलिकॉप्टर हादसे के बाद सीडीएस बिपिन रावत के घर पहुंचे हैं. रक्षा मंत्री दिल्ली में स्थित सरकारी आवास पर बुधवार दोपहर को पहुंचे. पहले कहा जा रहा था कि राजनाथ सिंह आज संसद में घटना संबंधी ब्यान जारी करेंगे, लेकिन कुछ देर बाद जानकारी दी गई कि राजनाथ सिंह घटना संबंधी वीरवार को संसद में ब्यान जारी करेंगे। इस बयान में वे सीडीएस और हेलिकॉप्टर से जुड़ी अहम जानकारी देशवासियों को मुहैया करवाएंगे.
उधर, हादसे वाली जगह पर सेना और स्थानीय पुलिस के अधिकारी पहुंच गए हैं. इसी बीच एक प्रत्यक्षदर्शी ने पूरे वाकये को बताया. इस प्रत्यक्षदर्शी का नाम कृष्णासामी है. उसके मुताबिक, उसने एक तेज आवाज सुनी. इसके बाद वह घर से बाहर निकला और देखा कि एक हेलिकॉप्टर एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर टकराते हुए आग को गोला बन गया.

‘जलते हुए 2-3 लोगों ने लगाई थी छलांग’

कृष्णासामी के मुताबिक, जब हेलिकॉप्टर पेड़ से टकरा रहा था तब उसमें आग लग चुकी थी. इसी दौरान कृष्णासामी ने 2-3 लोगों को हेलिकॉप्टर से कूदते हुए देखा, सभी के शरीर में आग लगी हुई थी. कृष्णासामी ने अपने साथियों को इकट्ठा किया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. जितनी भी लाशें मिली हैं, वह 80 फीसदी तक जल चुकी हैं.

वेलिंगटन जा रहे थे CDS बिपिन रावत

हालांकि, सीडीएस जनरल बिपिन रावत की स्थिति के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है. भारतीय वायुसेना की ओर से बयान में कहा गया कि हादसे को लेकर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है. बताया जा रहा है कि एम सीरीज का यह हेलिकॉप्टर सीडीएस जनरल बिपिन रावत को वेलिंगटन में डिफेंस स्टाफ कॉलेज ले जा रहा था.
कोयंबटूर में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पहाड़ी नीलगिरी जिले में कुन्नूर के पास कट्टेरी-नंचप्पनचत्रम इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर के मलबे के नीचे से 11 शव निकाले गए. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कथित तौर पर घने कोहरे के बाद लो-विजिबिलिटी के कारण एक वन क्षेत्र में हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

2015 में भी हुए थे हेलिकॉप्टर क्रैश हादसे का शिकार

ये पहली बार नहीं है जब सीडीएस बिपिन रावत हादसे का शिकार हुए हों, वाक्या 2015 का है, जब बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर कैश हुआ था। यह घटना थी 3 फरवरी 2015 की है। उस वक्त बिपिन रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नहीं बने थे। बिपिन रावत को सीडीएस साल 2016 में नियुक्त किया गया था। बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस हैं। तब लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत सेना की नगालैंड के दिमापुर स्थित 3-कोर के हेडक्वार्टर के प्रमुख का पद संभाल रहे थे। दिमापुर से रावत अपने चीता हेलिकॉप्टर में सवार होकर निकले, लेकिन कुछ ऊंचाई पर उनके चॉपर का नियंत्रण खो गया और हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। बताया जाता है कि हादसे के पीछे इंजन फेल होने का कारण था। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हालांकि सीडीएस बिपिन रावत ने मौत को मात दी। उस वक्त उन्हें मामूली चोटें आई थी।
उस वक्त सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि हेलिकॉप्टर जमीन से कुछ मीटर की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया था। इसी दौरान सिंगल इंजन के इस चॉपर में कुछ गड़बड़ी आ गई और इसके दोनों पायलटों का नियंत्रण छूट गया। लेकिन क्रैश में किसी की भी जान जाने की खबर नहीं आई थी। इस घटना में भी वायुसेना ने उच्चस्तरीय जांच बिठाई थी।

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