चंडीगढ़ (ब्यूरो): सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया (एनडीएलआइ) शुरू करने की पहल की है। यह 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए है। इसके लिंक को सभी स्कूलों तक पहुंचा दिया है जिसमें पिछले पांच से छह साल के प्रश्न-पत्र, उसके हल, वीडियो, लेक्चर्स सहित दिए हैं।
इतना ही नहीं, सीबीएसई ने कुछ प्राइवेट कोचिंग संस्थाओं के साथ मिलकर प्रतियोगी परीक्षाओं के सिलेबस को भी इसमें शामिल किया है। विद्यार्थियों को इस एनडीएलआइ का फायदा यह होगा कि समय की बचत के साथ कुछ लाभप्रद सीखने को मिलेगा।
कक्षा नौवीं और ग्यारहवीं में पढ़ रहे विद्यार्थी भी इससे लाभ ले सकते हैं। 10वीं और 12वीं में पढ़ रहे विद्यार्थी परीक्षा पैटर्न के साथ-साथ बोर्ड परीक्षाओं में मार्किंग कैसे होगी, की भी जानकारी ले सकते हैं।
मनचाही भाषा चुनने की सुविधा
एनडीएलआइ में सीबीएसई की ओर से विद्यार्थियों को यह सुविधा भी दी गई है कि वह पसंदीदा भाषा अंग्रेजी और हिंदी में भी लाइब्रेरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
विद्यार्थियों के लिए इसमें अलग-अलग विषयों की भी सुविधा रहेगी, जो उन्हें विभिन्न प्रकार की जानकारी का फायदा देने में मददगार होगी।
परीक्षाओं संबंधी मिलेगी स्पष्टता
जानकारों की मानें तो एनडीएलआइ विद्यार्थियों के लिए फायदा देने वाली होगी। अध्यापकों ने जितने भी चैप्टर विद्यार्थियों को पढ़ाए हैं, उसमें से कौन से महत्वपूर्ण कंटेट है, को डिजिटल लाइब्रेरी से निकाल विद्यार्थियों तक पहुंचा सकते हैं।
विद्यार्थियों को यह पूरा सिस्टम स्पष्टता देने वाला होगा। उन्हें परीक्षा का पैटर्न कैसा आएगा, प्रतियोगी परीक्षा का सिलेबस कैसे होता है, उसकी मार्किंग कैसे होती है, के बारे में पता चल जाएगा।
एनडीएलआइ के सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष दोनों ही होंगे। सकारात्मक तौर पर देखा जाए तो विद्यार्थियों के लिए यह सुविधा हर समय आसानी से उपलब्ध होगी। नकारात्मक की नजर से देखें, तो स्क्रीन पर अधिक समय बिताना होगा।