Prabhat Times
चंडीगढ़: स्कूल फीस मामले में अदालत के फैसले के बाद असमंजस खत्म हो चुका है। ये स्पष्ट हो चुका है कि अभिभावकों को स्कूल फीस देनी ही होगी। लेकिन कितनी फीस देनी होगी और क्या प्रक्रिया रहेगी, इस बारे में सी.बी.एस.ई. एफिलिएटिड स्कूल एसोसिएशन (CASA) द्वारा अभिभावकों के लिए पब्लिक नोटिस जारी किया है। जिसमें स्कूल फीस को लेकर सारी स्थिति स्पष्ट कर दी है। साथ ही अपील की गई है कि अभिभावक बच्चों की फीसें निर्धारित समय में जमा करवा दें। नोटिस मे अदालत के आदेशों को स्पष्ट किया गया है।
- कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा पाएगा। पिछले सैशन के मुताबिक ही फीस चार्ज की जाएगी और साथ ही अभिभावको को महामारी के दौरान फीस जमा करवाने के लिए मंथली और क्वार्टली सुविधा दी जाएगी।
- टयूशन फीस 100 प्रतिशत ली जाएगी।
- वार्षिक चार्जेज 70 प्रतिशत लिए जाएंगे जब तक स्कूल नहीं खुलते। जब स्कूल खुलेंगे तो 100 प्रतिशत चार्ज लिए जा सकते हैं।
- ट्रांसपोर्ट फीस 50 प्रतिशत ली जाएगी। लेकिन जब स्कूल खुलेंगे तो 100 प्रतिशत ली जाएगी।
- अन्य चार्जेज, मेनेटेनैंस सैनीटाईजेशन इत्यादि अभिभावकों से स्कूल प्रबंधन ले सकता है।
- नोटिस में कहा गया है कि स्कूल कोई भी ऐसे फीस नहीं ले सकता जो सुविधा छात्रों को नहीं दी गई जैसे कि खाना, कम्प्यूटर फीस, लैब फीस इत्यादि। जब तक स्कूल नहीं खुलते।
- अभिभावकों से अपील की गई है कि अप्रैल से जून तक के क्वार्टर की फीस 31 जुलाई तक क्लीयर कर दें। ताकि स्टाफ सैलरी इत्यादि देकर काम चलता जाए।
- अभिभावकों से भी कहा गया है कि जो अभिभावक महामारी के कारण आर्थिक तौर पर प्रोब्लम में हैं वे एक सप्ताह में स्कूल प्रबंधन को अपना आवेदन जरूरी दस्तावेजों के साथ दे। स्कूल प्रबंधन द्वारा उस पर गौर करेंगे। अगर फिर भी प्रोब्लम सोल्व नहीं होती तो अभिभावक रैगूलेटरी अथारिटी के पास आवेदन कर सकता है।
- कासा ने नोटिस में स्पष्ट किया है कि एक स्कूल के एन.ओ.सी. और टी.सी. के बिना किसी दूसरी स्कूल में छात्र की एडमिशन नहीं होगी।