Prabhat Times
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि खेती कानूनों के खि़लाफ़ चल रहे किसान आंदोलन को कमजोर करने का सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि उनकी सरकार ख़ुद भी इन कानूनों का कड़ा विरोध करती है परन्तु इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आज फिर से दोहराते हुए कहा कि राज्य की मौजूदा गंभीर स्थिति के मद्देनज़र किसी भी कीमत पर सप्ताहांत लॉकडाउन और अन्य बन्दिशों का उल्लंघन करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा, ’’ज़िन्दगियां दाव पर लगीं हुई हैं जिनको बचाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है और यह हर पंजाबी की भी ज़िम्मेदारी बनती है।’’ उन्होंने भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहां) और भारतीय किसान यूनियन (एकता डकौंदा) के नेताओं को इस मुद्दे पर बीते दिन उनकी तरफ से की गई टिप्पणियों को और कोई रंगत न देने की अपील की है।
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से सप्ताहांत लॉकडाउन का विरोध करने के आह्वान के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को डी.जी.पी. को कहा था कि सप्ताहांत लॉकडाउन की सभी बन्दिशों का सख्ती के साथ पालन करवाएं और किसी भी कीमत पर इसका उल्लंघन करने की आज्ञा न दी जाये। उन्होंने आज फिर से दोहराया कि किसी को भी लोगों की जान से खेलने की इजाज़त नहीं दी जा सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो जत्थेबंदियों के नेताओं ने काले खेती कानूनों के खि़लाफ़ चल रहे किसान आंदोलन बारे उनके इरादों पर शंका पैदा करने के लिए उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया। मुख्यमंत्री ने पूछा, ’’हमारी सरकार किसानों के हितों के खि़लाफ़ कैसे जा सकती है जबकि मेरी सरकार देश में पहली सरकार थी जिसने केंद्र सरकार के ख़तरनाक खेती कानूनों को निष्प्रभाव करने के लिए विधानसभा में संशोधन बिल लाए।’’ उन्होंने कहा कि जहाँ तक केंद्रीय कानूनों का सम्बन्ध है, उनकी सरकार स्पष्ट और लगातार इनके खि़लाफ़ है।
राज्य में स्थिति के बेहद गंभीर होने की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं बल्कि प्रत्येक व्यक्ति की जान बचाने के लिए हमें अपनी पूरी ताकत लगाने का है। कोविड संकट से निपटने के लिए किसानों को राज्य सरकार को हर तरह के समर्थन और सहयोग देने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के लोगों का जीवन और उनकी सुरक्षा राज्य सरकार की बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने यह दोहराया कि कोविड संकट के चलते वह किसी भी पंजाबी की जान को खतरे में नहीं डालेंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार शुरू से ही केंद्र की तरफ से लाए काले खेती कानूनों के खि़लाफ़ लड़ाई में किसानों के साथ खड़ी है और निरंतर खड़ी रहेगी क्योंकि राज्य सरकार का मानना है कि ये कानून किसानों के अस्तित्व और जीवन के लिए सीधा ख़तरा हैं परन्तु इस समय उनकी सरकार लोगों की जान बचाने पर पूरी तरह केंद्रित है। उन्होंने कहा कि यह यकीनी बनाने के लिए कि सख़्त बन्दिशों के साथ कोई परेशानी न हो, उन्होंने डिप्टी कमीश्नरों को रोटेशन अनुसार ग़ैर ज़रूरी वस्तुओं की दुकानों और प्राईवेट दफ्तरों को भी खोलने की आज्ञा दी है।
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