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New Delhi नई दिल्ली। (board exam 2024 good news for students education minister dharmendra pradhan) देशभर में अब बोर्ड परीक्षा साल में दो बार बैठना जरूरी नहीं है. परीक्षा में छात्र अपनी च्वाइस के अनुसार इसे वैकल्पिक के तौर पर चुन सकते हैं.

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक इंटरव्यू में कहा, “छात्रों के लिए साल में दो बार कक्षा 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा. यह पूरी तरह से वैकल्पिक होगा और मुख्य उद्देश्य सिंगल अवसर के डर से होने वाले उनके तनाव को कम करना है.”

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत हाल ही में साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजि करने की घोषणा की गई थी. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अगस्त में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) के अनुरूप स्कूली शिक्षा के लिए नया पाठ्यक्रम ढांचा (new curriculum framework) लॉन्च किया था. अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि छात्रों के लिए साल में दो बार कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं होगा.

अनिवार्य नहीं होगा दो बार बोर्ड एग्जाम देना

शिक्षा मंत्री ने कहा. “छात्रों के पास इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की तरह साल में दो बार (कक्षा 10 और 12 बोर्ड) परीक्षा में बैठने का विकल्प होगा.

वे बेस्ट स्कोर चुन सकते हैं. लेकिन यह पूरी तरह से वैकल्पिक होगा, कोई बाध्यता नहीं होगी. क्योंकि छात्र अक्सर यह सोचकर स्ट्रेस ले लेते हैं कि उनका एक साल बर्बाद हो गया, उनका मौका चला गया या वे बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे.

इसलिए केवल एक मौके के डर से होने वाले तनाव को कम करने के लिए साल में दो बार बोर्ड एग्जाम का ऑप्शन दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा, “अगर किसी छात्र को लगता है कि वह पूरी तरह से तैयार है और परीक्षा के पहले सेट के स्कोर से संतुष्ट है, तो वह अगली परीक्षा में शामिल न होने का विकल्प चुन सकता है. कुछ भी अनिवार्य नहीं होगा.”

दो बार बोर्ड एग्जाम से खुश हैं छात्र: शिक्षा मंत्री

दरअसल, अगस्त में शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित नए पाठ्यक्रम ढांचे (एनसीएफ) के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों के पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर हो और उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने का विकल्प मिले.

प्रधान ने कहा कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की योजना पर उन्हें छात्रों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है.

न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) की घोषणा के बाद मैं छात्रों से मिला. उन्होंने इसकी सराहना की है और इस विचार से खुश हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि 2024 से साल में दो बार परीक्षाएं आयोजित की जाएं.

नए करीकुलम फ्रेमवर्क से होंगे ये बदलाव 

  • बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी और छात्रों को बेस्ट स्कोर लाने की अनुमति दी जाएगी.

  • कक्षा 11,12 में विषयों का चयन केवल स्ट्रीम तक ही सीमित नहीं रहेगा, छात्रों को चयन में लचीलापन मिलेगा.

  • 2024 शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यपुस्तकें विकसित की जाएंगी.

  • कक्षा में पाठ्यपुस्तकों को ‘कवर’ करने की वर्तमान प्रथा से बचा जाएगा.

  • पाठ्यपुस्तकों की लागत पर भी विचार किया जाएगा.

  • स्कूल बोर्ड उचित समय में ‘ऑन डिमांड’ परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेंगे.

बता दें कि नए एनसीएफ के मुताबिक पाठ्यपुस्तकें नये सत्र से शुरू की जाएंगी. शिक्षा मंत्रालय ने 5+3+3+4 ‘पाठ्यचर्या और शैक्षणिक’ संरचना के आधार पर चार राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) तैयार की है, जिसकी एनईपी 2020 ने स्कूली शिक्षा के लिए सिफारिश की है

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