Prabhat Times
चंडीगढ़। देश अभी कोरोना महामारी से उभरा भी नहीं है कि अब एक नया संकट खड़ा हो गया है. देश के पांच राज्यों में बर्ड फ्लू (Bird Flu) का संकट मंडराने लगा है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और केरल में हजारों पक्षियों की मौत ने चिंता बढ़ा दी है.
कुछ जगहों पर मारे गए पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है यानी एक तरफ कोरोना संकट से निपटने के लिए वैक्सीनेशन पर चर्चा चल रही है, तो दूसरी तरफ बर्ड फ्लू ने प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े कर दिए हैं. चिंता की बात ये है कि दोनों ही बीमारियों के लक्षण काफी हद तक मिलते-जुलते हैं.
पंजाब में भी खतरा
पौंग डैम वेटलैंड में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद पंजाब में खतरा बढ़ गया है. जालंधर स्थित नार्थ रीजनल डसीसिज डायगनोस्टिक लैब (एनआरडीडीएल ) में जांच के बाद खुलासा हुआ है कि पंजाब में वर्ड फ्लू अन्य डैम पर भी फैल सकता है.
लैब में दो पक्षियों के शवों की जांच में बर्ड फ्लू के लक्षण सामने आए हैं. एनआरडीडीएल के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से दो सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए थे.
प्रवक्ता के मुताबिक गीज पक्षियों के दो सैंपल जांच के लिए आए थे जिसमें बर्ड फ्लू के लक्षण मिले हैं।
सेंपलों को पैक कर गहन जांच के लिए भोपाल भेज दिया गया है. वहां होने वाली जांच की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी. बीमारी की पुष्टि करना लैब के अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
बर्ड फ्लू के लक्षण सामने आने के बाद पशु पालन विभाग ने पंजाब में भी अलर्ट जारी कर दिया है. पौंग वेटलैंड के दस किलोमीटर के दायरे में सर्वे किया जाएगा ताकि स्थानीय पक्षियों को इस बीमारी से बचाया जा सके.
करीब चार साल पहले दिल्ली और राजपुरा में पाए गए बर्ड फ्लू के मामलों में नया वायरस एच5एन8 मिला था. जो इससे पूर्व चंडीगढ़ में फैले बर्ड फ्लू में मिले एच5एन1 एवियन फ्लू वायरस से थोड़ा कमजोर था.
पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी
सोमवार को पौंग डैम वेटलैंड में 627 और विदेशी पक्षियों की मौत हो गई। इनमें से 122 धमेटा वीट और 505 नगरोटा सूरियां में मृत पाए गए हैं। पौंग डैम वेटलैंड में मृतक पक्षियों का आंकड़ा बढ़कर 2401 हो गया है।
पक्षियों के मरने का पहला मामला 28 दिसंबर, 2020 को सामने आया था। वहीं जांच के लिए वाइलड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया, देहरादून से तीन सदस्यीय टीम भी पौंग डैम पहुंच गई है।
हरियाणा का पोल्ट्री हब कहे जाने वाले अंबाला और पंचकुला में एक लाख मुर्गियों की मौत हो गई. फिलहाल सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं. वहीं कोरोना की वैक्सीन का इंतजार हो रहा है और देश में एक दूसरी समस्या ने पैर पसारना शुरू कर दिया है.
उत्तर से दक्षिण तक अचानक हजारों पक्षियों की मौत से हड़कंप मच गया है. कौवे, बत्तख, मुर्गियों और बगुले की मौत को लेकर राजस्थान, एमपी, हिमाचल गुजरात, मध्य प्रदेश हर जगह खलबली मच गई है. राजस्थान में तो धारा-144 लागू करनी पड़ी है.
देश के इन राज्यों में भी एलर्ट
मरे हुए कौवों में घातक वायरस पाए जाने के बाद राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश की सरकार ने अलर्ट जारी किया है. मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने कहा, ‘प्रदेश में हो रही कौवों की मृत्यु पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिए पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के निर्देश पर अलर्ट जारी किया गया है.’
इसके अलावा, प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने और किसी भी प्रकार की परिस्थिति में कौवों और पक्षियों की मौत की सूचना पर तत्काल रोग नियंत्रण के लिये भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं.
वहीं केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिया है. अधिकारियों ने कहा कि एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए करीब 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा.
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