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रूपनगर। (Big Relief to common People 8th Toll Plaza Closed in punjab) टोल प्लाज़ों पर आम लोगों की लूट रोकने के लिए राज्य सरकार की जन हितैषी पहलकदमी जारी रखते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को राज्य का आठवां टोल प्लाज़ा बंद करवाया, जिससे आम लोगों के रोज़ाना के 10.12 लाख रुपए की बचत होगी।

कीरतपुर साहिब-रूपनगर रोड़ पर स्थित टोल प्लाज़ा बंद करने के बाद अबने संबोधन में सीएम ने कहा कि यह टोल प्लाज़ा वाले पिछली सरकारों की मिलीभुगत के साथ लोगों की नाजायज लूट कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हमने भ्रष्टाचार मुक्त पंजाब, नौजवानों के लिए रोज़गार, मुफ़्त बिजली, स्कूलों-कालेजों की कायाकल्प समेत अन्य गारंटियां दीं थीं।

भगवंत मान ने कहा कि कई अन्य ऐसे काम किये जा रहे हैं, जो गारंटी का हिस्सा नहीं थे परन्तु यह राज्य सरकार का फर्ज है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन टोल प्लाज़ों पर आम लोगों की लूट को रोकना इस मुहिम का ही एक हिस्सा है।

भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने लोक सभा में यह मुद्दे उठाए थे और अब जब उनको लोगों की सेवा करने का मौका मिला है तो वह यह टोल नाके बंद करवा रहे हैं।

भगवंत मान ने कहा कि इन सड़कों को लोक निर्माण विभाग की तरफ से अपने कब्ज़े में लिया जायेगा और इन सड़कों की समय पर मुरम्मत और मज़बूती को यकीनी बनाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ‘किराये पर सड़कों’ का दौर ख़त्म हो गया है और यह आम आदमी के लिए बड़ी राहत है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अकालियों ने टोल प्लाज़ा कंपनियों के साथ मिलीभुगत करके सभी बुरे कामों को अनदेखा करके उनको बड़ा फ़ायदा पहुँचाया है।

भगवंत मान ने कहा कि जब आम आदमी पार्टी को सत्ता मिली है तो जनता के पैसे की इस शरेआम लूट को रोका गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस टोल प्लाज़ा का समझौता कैप्टन सरकार के समय पर 10 अक्तूबर, 2006 को हुआ था और 16.50 सालों के लिए टोल लगाया गया था।

उन्होंने कहा कि यह टोल अकाली-भाजपा सरकार के दौरान 20 नवंबर 2007 को चालू हो गया था और समझौते अनुसार पहली मुरम्मत का काम 19 नवंबर, 2013 को किया जाना था।

भगवंत मान ने कहा कि समकालीन अकाली सरकार ने राज्य और यहाँ के लोगों के हितों को नजरअन्दाज किया, जिस कारण निर्धारित तारीख़ से एक साल बाद 1 नवंबर, 2014 को प्रीमिकस डालने का काम किया गया था परन्तु हैरानी की बात है कि कंपनी के खि़लाफ़ कोई कार्यवाही नहीं की गई।

इसी तरह मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरा मुरम्मत कार्य 19 नवंबर, 2017 को किया जाना था परन्तु यह निर्धारित समय की बजाय 1093 दिनों की देरी के साथ 16 नवंबर, 2020 को किया गया।

उन्होंने कहा कि इस देरी के साथ जुर्माना लगाने की कार्यवाही की जा सकती थी और इससे एजेंसी के साथ समझौता ख़त्म हो सकता था परन्तु किसी ने भी इसके विरुद्ध कार्यवाही करने की कोशिश नहीं की।

भगवंत मान ने कहा कि इस लापरवाही के कारण आज कंपनी की तरफ राज्य का 67 करोड़ रुपए बकाया है परन्तु पिछली सरकारें इसकी वसूली करने की बजाय कंपनी का पक्ष लेती रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कंपनी किसान आंदोलन और कोविड महामारी के बहाने 582 दिनों का समय बढ़ाने की माँग कर रही थी परन्तु उनकी सरकार ने इससे इन्कार कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यह काम पहले ही हो जाना चाहिए था परन्तु पिछली सरकारों के किसी भी नेता ने लोगों के हितों की रक्षा करने की कोशिश नहीं की, बल्कि उन्होंने इस कंपनी के हकों की रक्षा के लिए काम किया।

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब को श्री आनन्दपुर साहिब, नैना देवी जी आदि धार्मिक स्थानों के साथ जोड़ने वाली इस सड़क से निकलने के लिए आम आदमी रोज़माना के 10.12 लाख रुपए ख़र्च करते थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पैसा कंपनी से वसूल करके इन सड़कों की मुरम्मत और मज़बूती पर लगाया जायेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि जनता की इस शरेआम लूट में जिन नेताओं और अधिकारियों का हाथ है, उनको भी किसी कीमत पर बख़्शा नहीं जायेगा।

भगवंत मान ने स्पष्ट कहा कि लोगों से लूटा गया एक-एक पैसा इनसे हर तरीके से वसूल किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष राज्य के लोग उनको ई. वी. एम. का बटन दबा कर सत्ता में लाया थे और अब सत्ता संभालने के एक साल के अंदर-अंदर ही वह हर रोज़ चार पाँच बटन दबा कर राज्य के लोगों को नये प्रोजैकट समर्पित करते हैं।

उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब पंजाब सरकार के सहृदय यत्नों स्वरूप पंजाब देश के अग्रणी राज्य के तौर पर उभरेगा।

 

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