Prabhat Times
चंडीगढ़। (big decision CM Bhagwant mann cabinet) पंजाब के सी.एम. भगवंत मान कैबिनेट मीटिंग में आज फिर बड़े फैसले लिए गए हैं।
जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग में अधिकारियों कर्मचारियों की भर्ती को मंजूरी दी गई और साथ ही फैसला लिया गया है कि केंद्र द्वारा जारी आरडीएफ फंड सिर्फ ग्रामीण विकास पर ही खर्च किया जाएगा।
के कामकाज को सुचारू ढंग से चलाने और राज्य भर के लोगों को बेहतर ग्रामीण जल आपूर्ति मुहैया करवाने के लिए पंजाब मंत्रिमंडल ने बुधवार को विभिन्न श्रेणियों (25 उप मंडल इंजीनियर, 70 जूनियर इंजीनियर, 30 जूनियर ड्राफ्ट्समैन और 20 स्टेनो टाईपिस्ट) के 145 पद भरने की मंजूरी दे दी है।
इन पदों के लिए भर्ती एक साल के अंदर पंजाब लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड पंजाब द्वारा सीधी भर्ती के द्वारा की जाएगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार मंत्रिमंडल ने साल 2021 में जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग में उपरोक्त श्रेणियों के 88 पद भरने की मंजूरी दी थी।
इनके अलावा आज मंत्रिमंडल ने 57 अन्य पद भरने की मंजूरी दे दी है। इन श्रेणियों के पद साल 2022 में अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति/पदोन्नति के कारण खाली पड़ी हैं।

ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए मौजूदा भारतनेट के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने के लिए मंजूरी

दूरसंचार विभाग, भारत सरकार और राज्य सरकार के बीच अप्रैल 2013 में किए गए समझौता ज्ञापन के अनुसरण में मंत्रिमंडल ने भारतनेट स्कीम के अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जोडऩे के लिए मौजूदा भारतनेट बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने में मदद करने के लिए मंजूरी दी।
राज्य सरकार एक मानक नेटवर्क बुनियादी ढांचा स्थापित करके ग्रामीण क्षेत्रों में ई-गवर्नेंस, ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा, ई-बैंकिंग, इन्टरनेट और अन्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जोकि बिना किसी भेदभाव के आधार पर सुलभ है।
यह सभी घरों और संस्थाओं के लिए ऑन-डिमांड किफ़ायती ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की व्यवस्था को सक्षम करेगा और भारत सरकार के साथ साझेदारी में, डिजिटल पंजाब के विजऩ को साकार करने में सहायता करेगा।

आरडीएफ का पैसा अब गांवों और मंडियों के विकास पर होगा खर्च

पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और किसानों के लिए आधुनिक खरीद व्यवस्था लागू करने के उद्देश्य से आज पंजाब ग्रामीण विकास (संशोधन) अध्यादेश-2022 को मंजूरी दे दी।
ये निर्णय आज सुबह मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में लिया गया.
बता दें कि भारत सरकार ने 23 अक्टूबर, 2020 को अपने पत्र में खरीफ विपणन सीजन (केएमएस), 2020 के लिए एक अनंतिम लागत पत्रक (पीसीएस) भेजा था जिसमें ग्रामीण विकास की तीन प्रतिशत दर फंड (आरडीएफ) को कम समर्थन मूल्य में शामिल नहीं किया गया।
हालांकि, पीसीएस मुताबिक, “उपार्जन केंद्र के विकास के लिए ग्रामीण विकास शुल्क के उपयोग और राज्य द्वारा एमएसपी में कमी से संबंधित मामलों की जांच की जा रही है,”।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार, मंडियों/खरीद केंद्रों तक पहुंच मार्गों के निर्माण या मरम्मत और स्ट्रीट लाइट लगाने सहित विभिन्न उद्देश्यों/गतिविधियों पर खर्च किया जाएगा जिससे किसान अपनी उपज का परिवहन कर सकेंगे।
नई मंडियों/खरीद केंद्रों का निर्माण/विकास और पुरानी मंडियों/कच्ची बाड़ों/खरीद केंद्रों का विकास, मंडियों/खरीद केंद्रों में पेयजल आपूर्ति और स्वच्छता में सुधार, खरीद में किसानों और मजदूरों के लिए अच्छा, अच्छी तरह से सुसज्जित विश्राम गृहों का प्रावधान शामिल है। 
गौरतलब है कि 1100 करोड़ रुपये आरडीएफ फंड केंद्र ने रोका था और ऐतराज जताया था कि सरकार ग्रामीण विकास का पैसा ग्रामीण विकास पर ही खर्च होगा।
पंजाब सरकार पहले किसानों और मजदूरों के कर्ज उतारने पर खर्च कर रही थी। मीटिंग में फैसला लिया गया कि केंद्र सरकार की शर्त को मान लिया गया है और ग्रामीण विकास फंड एक्ट में संशोधन किया गया। अब यह पैसा ग्रामीण विकास पर खर्च होगा।
वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बताया कि पहले बादल और कैप्टन सरकार में ग्रामीण विकास फंड का दुरुपयोग हो रहा था। अब यह पैसा मंडियों पर खर्च होगा।
एक्ट पास होने के बाद यह पैसा पंजाब को रिलीज होगा। सारा पैसा किसानों के लिए खर्च किया जाएगा। वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि आप ने जो भी वादे किए है, उन्हें पूरा किया जाएगा। अभी एक महीना ही हुआ है सरकार बने, कुछ वादों में थोड़ा समय लग सकता है।

खरीद एजेंसियों के साथ बैठक

वहीं कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारूचक्क ने बताया कि पंजाब की सरकारी खरीद एजेंसियों ने गेहूं की खरीद बंद कर दी है, क्योंकि एफसीआई ने नियमों के तहत 6 प्रतिशत से ज्यादा खराब दाना लेने से इंकार कर दिया है।
कैबिनेट मंत्री लालचंद ने बताया कि खरीद एजेंसियों से बातचीत की गई है। पंजाब कृषि विभाग ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है कि गेहूं खरीद के नियमों में कुछ छूट दी जाए।
इस पर केंद्र ने पांच टीमें पंजाब के अलग जिलों में भेजी हैं। प्राकृतिक कारणों से पंजाब के ज्यादा हिस्सों में गर्मी के कारण गेहूं उत्पादन और दाने के साइज पर असर पड़ा है।

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