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New Delhi नई दिल्ली(bhajan lal sharma new cm rajasthan BJP) भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर सीएम के चुनाव में सबको चौंका कर रख दिया है। राजस्थान की सांगानेर असेंबली सीट से पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) को सीएम बना दिया है।

वे बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति में 4 बार महामंत्री रहे. इस बार के चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48 हजार वोटों से हराया था.

राजनाथ सिंह ने कहा कि राजस्थान बीजेपी विधायक दल की बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के द्वारा भजनलाल शर्मा का नाम प्रस्तावित किया गया. जिसपर सभी विधायकों ने सर्वसम्मति दी. दिया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा डिप्टी सीएम होंगे. वासुदेव देवनानी स्पीकर होंगे.

टिकट काटकर भजनलाल शर्मा को बनाया था उम्मीदवार

बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में वर्तमान विधायक अशोक लौहाटी का टिकट काट कर भजनलाल शर्मा को दिया. भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48081 वोटों से शिकस्त दी थी.

इस नाम के चयन से पहले बीजेपी में लंबा मंथन चला. दरअसल, पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती वसुंधरा राजे को मनाना था. इसके लिए राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक बनाया गया. उनके साथ विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को सह-पर्यवेक्षक बनाया गया. तीनों ही नेता आज (12 दिसंबर) जयपुर पहुंचे.

MP में OBC, छत्तीसगढ़ में आदिवासी, राजस्थान में ब्राह्मण…BJP ने लोकसभा चुनाव को लेकर साफ कर दिया एजेंडा

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया है. मोहन यादव को मध्य प्रदेश की बागडोर सौंपी गई है, जबकि छत्तीसगढ़ के मुखिया विष्णु देव साय होंगे. वहीं, भजनलाल शर्मा राजस्थान के सीएम होंगे. इसके साथ ही बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपना एजेंडा भी साफ कर दिया है.

बीजेपी ने तीनों राज्यों के सीएम पद के जो नाम फाइनल किए है, उसमें 2024 के लोकसभा चुनाव की छाप साफ देखी जा सकती है. पार्टी ने तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान करने के साथ-साथ 2024 के लिए सियासी जमीन तैयार करने की कोशिश भी है. साथ ही बीजेपी की नजर इन राज्यों में जातिगत समीकरण बैठाने की भी है.

मोहन यादव को क्यों बनाया एमपी का सीएम?

कांग्रेस लगातार ओबीसी का मुद्दा उठा रही थी. ऐसे में बीजेपी ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव को सूबे का मुखिया बनाकर एक तरफ कांग्रेस को जवाब दिया है. वहीं, दूसरी ओर ओबीसी वोट भी साधने की कोशिश की है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में ओबीसी वोट काफी अहम माना जाता है. ऐसे में मोहान यादव को आगे करके बीजेपी ने हिंदी भाषी राज्यों में लोकसभा चुनाव से पहले शानदार सियासी पिच तैयार की है.

राजस्थान में भजनलाल शर्मा को क्यों मिली कमान?

वहीं, राजस्थान में बीजेपी ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया है. इसके साथ ही पार्टी ने प्रदेश में ब्राह्मण वोटर्स को साधने की कोशिश की है. आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में 89 प्रतिशत हिंदू आबादी है. इनमें अनुसूचित जाति की जनसंख्या 18 प्रतिशत जबकि अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 13 प्रतिशत के आसपास है. ब्राह्मणों की जनसंख्या सात प्रतिशत के करीब है.

ऐसे में बीजेपी ने भजनलाल शर्मा को आगे करके ब्राह्मण वोटर्स को रिझाने का प्रयास किया है. बीजेपी ने अपने इस ठोस वोटर्स पर अपनी पकड़ बनाये रखने के लिए ब्राह्मण चेहरे को सामने किया है.

छत्तीसगढ़ में आदिवासी वोटर्स पर नजर

छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने आदिवासी वोटर्स पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की है. छत्तीसगढ़ में आदिवासी वोटर्स को निर्णायक माना जाता है. यहां की लगभग एक तिहाई आबादी आदिवासी है.

90 विधानसभा सीटों वाले प्रदेश में 29 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा राज्य में 11 लोकसभा की सीटें हैं. इनमें से 4 सीटें आदिवासी समाज के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज से सीएम बनाने का जो दांव बीजेपी ने चला है उसका असर झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों पर भी पड़ेगा, जहां बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग रहते हैं.

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