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बठिंडा। (bathinda military station firing case) पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन पर फायरिंग के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। खुलासा हुआ है कि सो रहे जवानों पर गोली बरसाने वाले सफेद कुर्ता पायजामा पहने हुए थे। एक के हाथ मे राइफल थी और एक के हाथ में कुल्हाड़ी।

सफेद कुर्ता पजामा पहने दो नकाबपोशों ने उन पर राइफल और धारदार हथियारों से हमला कर दिया। जांच की जा रही है कि हमलावर मिल्ट्री स्टेशन के अंदर कैसे पहुंचे।

फिलहाल पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस इस मामले में टेरर एंगल की भी जांच कर रही है।

इसी बीच पता चला है कि सर्च टीम में इंसास राइफल और मैगज़ीन मिल गई हैं। सर्ट टीम ने राइफल और मैगज़ीन ज़ब्त करे फोरैंसिक जांच के लिए भेजी हैं।

मेजर ने बताई पूरी कहानी

80 मीडियम रेजिमेंट के मेजर आशुतोष शुक्ला ने पुलिस को बताया कि अफसर मैस के सामने जवानों के रहने के लिए बैरक बनी हुई है। अफसर मैस में काम करने वाले जवान और गार्ड यहीं रहते हैं।

निचले कमरे में गनर नागा सुरेश रहता है। ऊपर के 2 कमरों में से एक में गनर सागर बन्ने व गनर योगेश कुमार और दूसरे कमरे में गनर संतोष व गनर कमलेश रहता है।

जो आर्मी यूनिट के ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक 2-2 घंटे बिना हथियार के नाइट वॉचमैन की भी ड्यूटी करते हैं।

बीती रात सभी जवान ड्यूटी से फारिग होकर अपने कमरे में चले गए। पहली मंजिल पर एक कमरे में योगेश कुमार और सागर बन्ने था जबकि दूसरे कमरे में संतोष व कमलेश कुमार था। नीचे के कमरे में नागा सुरेश सो रहा था।

सुबह 4.30 बजे गनर डिसाई मोहन ने आकर बताया कि यूनिट की मैस की बैरक में फायरिंग हुई है। वहां 2 अज्ञात व्यक्ति आए। जिन्होंने सफेद रंग के कुर्ते-पायजामे पहने हुए थे।

उनके मुंह-सिर कपड़े से ढ़के हुए थे। यह दोनों फायरिंग के बाद अफसर मैस में गनर के सोने वाली जगह से बाहर आ रहे थे।

इनमें से एक के हाथ में इंसास राइफल और दूसरे के हाथ में कुल्हाड़ी थी। वह गनर डिसाई मोहन को देख जंगल की तरफ भाग निकले। उन्होंने तुरंत कैप्टन शांतनु को वहां भेजा।

इसके बाद वह मैस में बनी बैरक में गए तो पहले कमरे में गनर सागर बन्ने व योगेश कुमार और दूसरे कमरे में संतोष व कमलेश की लाशें पड़ी हुई थी।

इनके शरीर पर गोलियों के निशान थे। इनकी लाशों के पास भारी संख्या में इंसास राइफल के खोल बिखरे पड़े थे।

उनकी यूनिट के लांसनायक हरीश के नाम पर अलॉट हुई एक इंसास राइफल 9 अप्रैल को गुम हो गई थी। इसकी पड़ताल भी उनकी यूनिट की तरफ से की जा रही है।

मेजर ने कहा कि घटना वाली जगह देखने के बाद ऐसा लगता है कि उसी गायब इंसास राइफल से किसी अज्ञात व्यक्ति या व्यक्तियों ने उनकी यूनिट के 4 जवानों पर फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार सैन्य अधिकारियों ने वार्ड कर्मी से पूछताछ की तो उसने बताया कि आरोपी चारों जवानों को मारने के बाद पांचवें जवान के कमरे का गेट खटखटा रहे थे लेकिन अंदर से बंद होने की वजह से आरोपी कामयाब नहीं हो सके।

सर्च में मिली इंसास राइफल, मैगज़ीन भी

आर्मी ने बयान जारी कर बताया कि सर्च टीम को इंसास राइफल मिली है। जिसमें कुछ मैगजीन भी हैं। पुलिस व आर्मी की जॉइंट टीम ने राइफल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।

जिससे स्पष्ट होगा कि यह वारदात इसी राइफल से की गई या नहीं। आर्मी ने किसी संदिग्ध को हिरासत में लेने की बात से भी इनकार किया है।

जांच दौरान मिले इंसास राइफल के 19 खोल

पुलिस के मुताबिक घटना की प्राथमिक जांच दौरान सेना एवं पुलिस को इंसास राइफल के 19 खोल मौके से मिले हैं।

आशंका जताई जा रही कि उक्त घटना में चोरी की गई इंसास राइफल का इस्तेमाल किया गया है।

घटना के बारे में सेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी।

 

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