मुंबई। अमेरिका में चीनी ऐप्स TikTok और WeChat पर रविवार (20 सितंबर 2020) से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों ने शुक्रवार को लोकप्रिय चीनी मोबाइल एप्लिकेशन WeChat और TikTok के डाउनलोड पर प्रतिबंध लगाने का आदेश देते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।
यह फैसला अमेरिका-चीन के बीच टैक्नोलॉजी पर बढ़ते तनाव और अमेरिकी निवेशकों के लिए वीडियो ऐप TikTok की बिक्री के लिए ट्रम्प प्रशासन के प्रयास के बीच आया है।
कॉमर्स सचिव विल्बर रॉस ने एक बयान में कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को खतरे में डालने के लिए इन ऐप्स का उपयोग करने के मकसद से काम किया है।
WeChat पर प्रतिबंध का कदम इस लिए उठाया गया क्योंकि इस ऐप का इस्तेमाल बहुत अधिक चीनी के द्वारा इस्तेमाल होता है। Apple और Google द्वारा TikTok ऑनलाइन मार्केटप्लेस से संचालित होता है।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने चीन की वीडियो शेयर करने वाली सोशल नेटवर्किंग सेवा TikTok के बारे में फैसला करने के लिए वालमार्ट और ओरेकल के दल के साथ बातचीत की है।
पिछले महीने ट्रंप ने TikTok और WeChat पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए थे, जिसके तहत यदि दोनों चीनी कंपनियां अपना स्वामित्व किसी अमेरिकी कंपनी को देकर प्रतिबंध से बच सकती हैं। इस समय टिकटॉक का स्वामित्व बीजिंग स्थित बाइटडांस के पास है।
शुरुआत में TikTok के साथ बातचीत में माइक्रोसॉफ्ट शामिल था, हालांकि अब ओरेकल और वॉलमार्ट ने इस संबंध में बाइटडांस के साथ बातचीत कर रहे हैं। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि हम एक फैसला कर रहे हैं।
हमने आज वॉलमार्ट, ओरेकल से बात की, मुझे लगता है कि माइक्रोसॉफ्ट अभी भी शामिल है। हम निर्णय लेंगे। लेकिन बहुत कुछ नहीं बदला है। हम जल्द ही निर्णय लेंगे।
इस बीच अमेरिकी सांसद और संसद की विदेश संबंध और न्यायपालिका से जुड़ी समितियों के एक सदस्य टेड क्रूज ने वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन को पत्र लिखकर चिंता जताई है कि ओरेकल-TikTok डील से अमेरिकी जनता चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभाव में आ सकती है और ये अमेरिका की सुरक्षा चिंताओं को नजरअंदाज करता है।
दरअसल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक TikTok को खरीदने में दिलचस्पी रखने वाली दूसरी कंपनियों ने महसूस किया कि वे चीनी सरकार की शर्तों के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को दूर करने में असमर्थ हैं।