Prabhat Times
चंडीगढ़। (Balbir Sidhu Health Minsiter Punjab) पंजाब में स्कूल खोलने की अनुमती दे दी गई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों की स्वास्थ्य के मद्देनज़र स्थिति पर कड़ी नज़र बनाए हुए है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने कहा है कि स्कूल खोल दिए गए हैं। लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य संभाल की जिम्मेदारी सरकार की है। बलबीर सिद्धू ने कहा कि अगर किसी क्लास में एक भी केस कोरोना पॉजिटिव आता है तो त्वरित प्रभाव से क्लास बंद की जाएगी और क्लास के सभी स्टूडैंट को 14 दिन के लिए क्वांरटाईन किया जाएगा और अगर स्कूल मे एक या दो से ज्यादा केस सामने आते हैं तो स्कूल 14 दिन के लिए बंद किया जाएगा। बलबीर सिद्धू ने कहा कि स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करवाने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर हर जिला के सिविल सर्जन की होगी।
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने कहा कि SARS-CoV-2 की दूसरी लहर के बाद स्कूल खोलने की अनुमती सरकार ने दी है। लेकिन विशेषज्ञों द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करवाने की जिम्मेदारी सिविल सर्जन की होगी। साथ ही स्कूलों में कोविड संक्रमण को रोकने के लिए सिविल सर्जन को निर्देश दिए गए है कि वे अपने जिला में माइक्रो प्लान तैयार कर निर्देश जारी करें। सिद्धू ने कहा कि स्कूलों के प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वे अपने शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों को कोविड-19 से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि स्कूलों को स्कूल के वातावरण, सुविधाओं और बार-बार छूने वाली सतहों की दैनिक सफाई और कीटाणुशोधन के लिए एक कार्यक्रम विकसित करना चाहिए और हाथ की स्वच्छता की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्कूलों को “अस्वस्थ होने पर घर में रहने” की नीति को लागू करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि किसी भी कोविड पेशेंट के संपर्क में रहने वाले छात्रों या कर्मचारियों को 14 दिनों के लिए घर में रहने  हालांकि, व्यक्तियों के बीच कम से कम 6 फीट की शारीरिक दूरी को बनाए रखा जा सकता है, डेस्क की जगह, अवकाश, ब्रेक और लंच ब्रेक; वर्गों और आयु समूहों के मिश्रण को सीमित करना; छोटी कक्षाओं या बारी-बारी से उपस्थिति कार्यक्रम पर विचार करना, और कक्षाओं में अच्छा वेंटिलेशन सुनिश्चित करना, बार-बार हाथ और श्वसन स्वच्छता और पर्यावरण की सफाई के उपाय जोखिम को सीमित करने के लिए होने चाहिए।
श्री सिद्धू ने स्पष्ट किया कि यदि एक COVID-19 मामले की पुष्टि होती है तो कक्षा को 14 दिनों के लिए निलंबित और क्वारंटाइन किया जाना चाहिए और दो या दो से अधिक COVID-19 मामलों का पता चलने पर स्कूल को 14 दिनों के लिए निलंबित किया जाना चाहिए।
आवश्यक रोकथाम उपायों का उल्लेख करते हुए, श्री सिद्धू ने कहा कि छात्रों और कर्मचारियों को नियमित आधार पर प्रवेश और निकास बिंदुओं पर गैर-संपर्क थर्मामीटर द्वारा जांच की जानी चाहिए और संदिग्ध मरीज़ का पता लगाने के लिए इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के लिए सिंड्रोमिक निगरानी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि संदिग्ध मामलों को घर भेज दिया जाना चाहिए और कोरोनापरीक्षण किया जाना चाहिए और उन्हें तब तक स्कूल आने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जब तक रिपोर्ट नैगेटिव न हो और छात्र पूरी तरह से स्वस्थ न हो। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव हो तो नियम मुताबिक पेशेंट का ईलाज करवाया जाए।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और उनका परीक्षण COVID-19 प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाना चाहिए और अनुपस्थित छात्रों को इन्फ्लुएंजा जैसे बीमारी के लक्षणों के बारे में पूछताछ के लिए कक्षा शिक्षक द्वारा संपर्क किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि अनुपस्थित या घर भेजे जाने वाले बीमार छात्रों की संख्या किसी दिन स्कूल में कुल उपस्थिति के 5% तक पहुंच जाती है या फिर एक ही क्लास के तीन या अधिक छात्रों को घर भेजा जाता है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में सूचित किया जाए ताकि स्वास्थ्य विभाग प्रोटोकॉल मुताबिक काम कर सके।
श्री सिद्धू ने कहा कि एक या एक से अधिक मामलों के फैलने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि स्कूल में नियमों का कितनी सख्ती से पालन करता है। उन्होंने कहा कि स्कूल में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए जो पूरे स्कूल के स्क्रीनिंग डेटा जैसे कि संदिग्ध मामलों की संख्या, परीक्षण किए गए संदिग्ध मामलों की संख्या, सकारात्मक परीक्षण किए गए संदिग्ध मामलों की संख्या आदि कि रिपोर्ट तैयार कर जिला स्वास्थ्य विभाग के संपर्क मे रहे।

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