Prabhat Times
नई दिल्ली। किसान आंदोलन (kissan andolan) 45वें दिन में है। लेकिन विवाद का कोई समाधान होता नज़र नहीं आ रहा है। जिस कारण करोड़ों का नुकसान हो रहा है। इसी बीच किसानों को दिल्ली बार्डर से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है।
उधर, खाप पंचायतो ने भी चेतावनी दी है कि अगर सरकार नहीं मानी तो 26 जनवरी को दिल्ली में एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टर परेड की जाएगी।
याचिकाकर्ता ऋषभ शर्मा ने “सुप्रीम कोर्ट से किसानों को दिल्ली बॉर्डर से हटाने के लिए एक याचिका दायर की है।” किसान सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा, ” हर रोज प्रदर्शन के कारण रास्ता जाम होने से देश को हर रोज 3,500 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। कच्चे माल की कीमतें भी 30 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं।
सुप्रीम कोर्ट के अनुसार आंदोलन को शांतिपूर्ण जारी रखने के आदेश दिए गए थे।लेकिन प्रदर्शनकारियों ने मोबाइल टावरों, रोड जाम कर आवाजाही आदि को नुकसान पहुंचाया है।जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है।
26 जनवरी को एक लाख ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में घुसेंगे किसान
आठवें दौर की वार्ता विफल होने के बाद किसानों के तेवर तल्ख हो गए हैं. किसाने ने हुंकार भरी है कि वे कानूनों के खत्म हुए बगैर वापस नहीं जाएंगे और आंदोलन को तेज किया जाएगा. कड़ाके की ठंड के बीच भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं.
इस बीच यूपी गेट पर देश खाप के चौधरी सुरेंद्र ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार तीनों कानून वापस लेकर मांगों को नहीं मानती है तो फिर 26 जनवरी को दिल्ली में किसान एक लाख ट्रैक्टरों के साथ परेड करेंगे. 26 की परेड में जवानों और किसानों को पूरा देश एक साथ देखेगा.
देश खाप के चौ. जोगेंद्र सिंह सरकार को चेतावनी दी. कहा कि ट्रैक्टरों से परेड की तैयारी शुरू कर दी गई है. आंदोलन में पहुंचे खाप के थांबेदार रामकुमार ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को मानने में जितनी देर कर रही है, उसका उतना ही नुकसान होगा. आंदोलन पर बैठा किसान दो-तीन साल तक भी सड़क से नहीं उठेगा.
उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि 26 जनवरी को दिल्ली में परेड के दौरान एक लाख ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ बड़ी संख्या में किसान जवानों के साथ शामिल होगा. पूरा देश इस बार जवान और किसान की परेड देखेगा. भाकियू युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च जैसा ट्रेलर पूरी दुनिया में कभी किसी ने नहीं देखा होगा.
किसानों को पता चला गया है कि दिल्ली अब कब्जे में कैसे आएगी, दिल्ली की नस तो यह पेरिफेरल है और किसान ट्रेलर में यह सीख गया है कि जब भी सरकार की नब्ज दबानी होगी तो पेरिफेरल घेर लो.
उन्होंने सरकार और शासन के अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि वह किसान आंदोलन को बिल्कुल भी हल्के में न लें. भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जब चौ. महेंद्र सिंह टिकैत 350 बार जेल जा सकते हैं तो वह भी सरकार के साथ 350 बार वार्ता कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार अगर किसानों को एक-एक किलो सोना भी देेगी तो भी किसान मानने वाला नहीं है. देश का किसान सिर्फ तीनों कानूनों को वापस होने पर ही मानेगा. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन वैचारिक क्रांति है. इसमें जैसे-जैसे दिन गुजर रहे हैं वैसे ही किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है.
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