Prabhat Times
वॉशिंगटन। (Al-Qaeda Al-Zawahari killed CIA USA) अमेरिका ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अलकायदा सरगना अल जवाहिरी (Al-Qaeda Al-Zawahari killed) को एक ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया है.
अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि 2011 में इसके संस्थापक ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) के मारे जाने के बाद से आतंकवादी ग्रुप को सबसे बड़ा झटका लगा है.
राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने इसकी पुष्टि की है. जवाहिरी रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) में सीआईए द्वारा किए गए ड्रोन हमले में मारा गया था. अमेरिका ने उस पर 25 मिलियन डालर का इनाम रखा था.
बाइडन ने कहा, ‘जवाहिरी ने अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ हत्या और हिंसा का एक रास्ता तराशा था. अब न्याय मिल गया है और यह आतंकवादी नेता नहीं रहा.’
अधिकारियों ने कहा कि जवाहिरी एक सुरक्षित घर की बालकनी में था, जब ड्रोन ने उस पर दो मिसाइलें (Missiles) दागीं.
उन्होंने कहा कि मौके पर परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे, लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ और केवल जवाहिरी मारा गया.
लादेन के बाद संभाली थी कमान
2011 में ओसामा बिन लादेन (Osama bin Laden) की मौत के बाद जवाहिरी ने अल-कायदा को अपने नियंत्रण में ले लिया था.
वह और लादेन संयुक्त राज्य अमेरिका पर 9/11 के हमलों (9/11Attacks) के मास्टरमाइंड थे. जवाहिरी अमेरिका के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक था.
2011 में ओसामा बिन लादेन (Osama bin Laden) की मौत के बाद जवाहिरी ने अल-कायदा को अपने नियंत्रण में ले लिया था.
डॉक्टर से ऐसे बना था आतंकी
मिस्र के इस्लामिक जिहाद आतंकवादी समूह की स्थापना में मदद करने वाले एक नेत्र सर्जन (Eye Surgeon) जवाहिरी ने मई 2011 में बिन लादेन को अमेरिकी सेना द्वारा मारे जाने के बाद अल-कायदा का नेतृत्व संभाला था.
इससे पहले, जवाहिरी को अक्सर बिन लादेन का दाहिना हाथ और अल-कायदा का मुख्य विचारक कहा जाता था.
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के हमलों के पीछे उसका ही “संचालन दिमाग” (Operational Brains) था.
ओसामा बिन लादेन के बाद जवाहिरी ने संभाली थी अलकायदा की कमान
अल-जवाहिरी ने अमेरिका पर हुए 11 सितंबर, 2001 के हमलों में मदद की थी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस बड़े ऑपरेशन के बाद कहा है कि अब न्याय मिल गया है. आईए विस्तार से जानते हैं कि आखिर कौन था अयमान अल-जवाहिरी….
अयमान अल-जवाहिरी ने साल 2011 में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अलकायदा की कमान संभाली थी. जवाहरी को लादेन का बेहद करीबी माना जाता था.
उसने दुनिया के कई हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में मास्टरमाइंड की भूमिका निमाई.
दुनिया के कई एक्सपर्ट के मुताबिक 11 सितंबर 2001 में अमेरिका में हुए हमले के पीछे असली दिमाग जवाहरी का ही था.
इस हमले में करीब तीन हजार अमेरिक नागरिक मारे गए थे. इस खतरनाक हमले के लिए चार विमानों को हाईजैक किया गया था. इनमें से 2 विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टावर्स से टकरा गए थे.
अयमान अल-जवाहरी ने अलकायदा की नींव रखने में बड़ी भूमिका निभाई थी. आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से पहले जवाहरी मुख्य तौर पर पर आंख का डॉक्टर था.
1980 के दशक में उग्रवादी इस्लाम में शामिल होने के आरोप में उसे कैद किया गया था, उसने अपनी रिहाई के बाद देश छोड़ दिया और हिंसक अंतरराष्ट्रीय जिहादी आंदोलनों में शामिल हो गया.
आखिरकार वो अफगानिस्तान में बस गया. इसके बाद जवाहरी एक अमीर सऊदी ओसामा बिन लादेन के साथ शामिल हो गया.
इन दोनों ने अमेरिका के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया. 11 सितंबर 2001 के हमलों का प्लान तैयार किया.
बिन लादेन का पता लगाने और उसे अमेरिका द्वारा मार गिराने में एक दशक लग गया. उसके बाद, जवाहिरी ने अल-कायदा का नेतृत्व संभाला. लेकिन वो काफी कम सक्रिय दिखता था. जवाहरी केवल कभी-कभार ही कोई संदेश जारी करता था.
अल-जवाहिरी से जुड़ी बड़ी बातें
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अयमान अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के एक संपन्न परिवार में हुआ था. अरबी और फ्रेंच बोलने वाला जवाहिरी पेशे से सर्जन था, जो 14 साल की उम्र में मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया. साल 1978 में उसने काहिरा विश्वविद्यालय की फिलॉसफी छात्रा अजा नोवारी से शादी कर ली.
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जवाहिरी ने इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद यानी EIJ का गठन किया था. इस संगठन ने 1970 के दशक में मिस्र में सेक्युलर शासन का विरोध किया. उसकी मांग थी कि मिस्र में इस्लामिक हुकूमत कायम हो. साल 1981 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या के बाद जवाहिरी को गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया. मिस्र में तीन साल जेल में वह सऊदी अरब भाग गया और यहां पर मेडिसिन विभाग में प्रैक्टिस करने लगा.
- सऊदी में ही अल जवाहिरी की मुलाकात 1985 में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से हुई. यहीं से दोनों आतंकियों के बीच रिश्ता मजबूत होने लगा. इसके बाद 2001 में अल जवाहिरी ने EIJ का अलकायदा में विलय कर लिया और दौनों दुनिया को दहलाने की साजिश रचने लगे.
- जवाहिरी ने अमेरिकी हमले में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद संगठन की कमान अपने हाथ में ली थी. 2011 में वह अलकायदा का प्रमुख बन गया था. दुनिया भर में कई जगह हुए आतंकी हमलों के पीछे उसका हाथ माना जाता है.
- अमेरिका का आरोप है कि 11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने चार कमर्शियल प्लेन हाइजैक किए थे. इनमें से दो प्लेन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ और साउथ टावर से टकरा दिए गए थे. इस हमले में 93 देशों के 2977 लोग मारे गए थे. हमला आतंकी संगठन अलकायदा ने किया था. अमेरिका का आरोप है कि इसमें ओसामा बिन लादेन की अल-जवाहरी ने ममद की थी.
- अल- जवाहिरी अभी 71 वर्ष का हो गया था. अमेरिका द्वारा ओसामा बिन लादेन को मारने के 11 साल बाद आतंकी सरगना को अमेरिका ने ओसामा की तरह ही मार गिराया है.
- 7 अगस्त 1998 को, नैरोबी, केन्या में अमेरिकी दूतावासों के सामने और अफ्रीका में तंजानिया के डार एस सलाम के सामने लगभग एक साथ बम उड़ाए गए – विस्फोटों में 224 लोग मारे गए, जिनमें 12 अमेरिकी शामिल थे, और 4,500 से अधिक लोग घायल हुए थे.इसके पीछे जवाहरी का हाथ था.
- अल जवाहिरी को 1998 में, 7 अगस्त 1998 को दार एस सलाम, तंजानिया और नैरोबी, केन्या में संयुक्त राज्य के दूतावासों की बमबारी में उनकी कथित भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया था.
- मई 2003 में सऊदी अरब के रियाद में एक साथ आत्मघाती बम विस्फोटों में नौ अमेरिकियों सहित 23 लोगों की मौत हो गई थी. इसके कुछ दिनों बाद एक टेप जारी किया गया था, जिसमें जवाहिरी की आवाज शामिल थी.
- जवाहिरी का ठिकाना लंबे समय से एक रहस्य बना हुआ था. 2020 के अंत से अफवाहें फैल रही थीं कि अल-जवाहिरी की बीमारी से मृत्यु हो गई है. यूएन एनालिटिकल सपोर्ट एंड सेंक्शन मॉनिटरिंग टीम की एक हालिया रिपोर्ट ने पुष्टि की कि जवाहिरी अफगानिस्तान में रह रहा था और स्वतंत्र रूप से संवाद कर रहा था.
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