Prabhat Times
New Delhi नई दिल्ली। (airlines must share all passenger data with customs from april 1) अप्रैल 2025 से भारत आने वाली सभी एयरलाइंस को अपनी यात्रियों का डाटा भारतीय सीमा शुल्क विभाग को देना होगा। इसमें विमान में सवार यात्री, केबिन क्रू और पायलट का विवरण भी देना होगा।
भारत सरकार विदेश जाने वालों से 19 तरह की निजी जानकारियां लेगी। इसमें यात्री कब, कहां और कैसे यात्रा कर रहे हैं; इसका खर्च किसने और कैसे उठाया; कौन कब कितने बैग लेकर गया और किस सीट पर बैठा; जैसी जानकारियां ली जाएंगी।
यह डेटा 5 साल तक स्टोर रहेगा। जरूरत पड़ने पर इसे अन्य लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों के साथ भी साझा किया जा सकेगा। इसे 1 अप्रैल से लागू करने की तैयारी है। इसके लिए सभी एयरलाइंस को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
यह कदम तस्करी पर नजर रखने के लिए उठाया गया है। कस्टम डिपार्टमेंट समय-समय पर डेटा का एनालिसिस करेगा।
किसी भी व्यक्ति की विदेश यात्रा में संदिग्ध पैटर्न नजर आने पर तुरंत जांच शुरू की जा सकेगी।
10 जनवरी तक सभी एयरलाइंस को एनसीटीसी -पैक्स पोर्टल में अपना पंजीकरण कराना होगा।
सरकार ने यह भी कहा कि एनसीटीसी-पैक्स पोर्टल में दी गई यात्रियों और चालक दल की जानकारी गोपनीय रहेगी। केवल अधिकृत अधिकारियों के लिए यह सांझा होगी।
विदेशी हवाई यात्रियों से होने वाले खतरे को भांपने के लिए भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाया है.
भारत से उड़ान भर रहे या यहां आ रहे इंटरनेशनल फ्लाइट को अपने गैर भारतीय यात्रियों की पूरी डिटेल 24 घंटे पहले कस्टम डिपार्टमेंट के साथ साझा करनी होगी.
यह भारत और विदेशी एयरलाइंस दोनों के लिए जरूरी है. एक अप्रैल 2025 से इसे लागू कर दिया गया है.
इन चीजों की देनी होगी जानकारी
‘यात्री नाम रिकॉर्ड सूचना विनियम0 2022’ के मुताबिक एयरलाइनों को प्रस्थान से 24 घंटे पहले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का डेटा सीमा शुल्क अधिकारियों को देना होगा।
इसमें यात्री का नाम, बिलिंग/भुगतान की जानकारी जैसे क्रेडिट कार्ड नंबर, टिकट जारी करने की तारीख, पीएनआर, इसी पीएनआर में यात्रा करने वाले अन्य यात्रियों का विवरण, ट्रैवेल एजेंसी और एजेंट की जानकारी, यात्री की ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, बैगेज की जानकारी समेत कुल 19 विवरण देने होंगे।
आदेश नहीं मानने पर भरना होगा भारी जुर्माना
इंटरनेशनल फ्लाइट के विदेशी पैसैंजर के बारे में डिटेल जानकारी भारत सरकार के कस्टम डिपार्टमेंट के साथ 24 घंटे पहले साझा नहीं करने वाले एयरलाइंस के खिलाफ भारी जुर्माना लगाया जाएगा.
उल्लंघन करने पर हर बार 25 हजार से 50 हजार रुपये के बीच भरने होंगे.
सभी एयरलाइंस को 10 जनवरी तक नेशनल कस्टम्स टारगेटिंग सेंटर-पैसेंजर(NCTC-PAX) के प्लेटफॉर्म पर निश्चित रूप से रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) की ओर से इस आशय का एक आदेश जारी किया गया है.
इंटरनेशनल फ्लाइट के उड़ान भरने से 24 घंटे पहले विदेशी यात्रियों के दिए जाने वाले डिटेल में उनके मोबाइल नंबर, टिकट के लिए किए गए उनके भुगतान के तरीके और यात्रा के दौरान उनके मनपसंद खाने की च्वाइस सबका विवरण देना होगा.
आठ अगस्त, 2020 को ही सीबीआईसी ने पैंसेजर नेम रिकॉर्ड (PNR) इनफॉर्मेशन रेगुलेशन्स 2022 जारी किया था.
इसी के तहत विदेशी यात्रियों के पैसेंजर डिटेल साझा करना अनिवार्य किया गया है.
रिस्क एनालिसिस और प्रतिबंध की क्षमता बढ़ेगी
विदेशी यात्रियों के डिटेल मिल जाने से भारत सरकार की रिस्क एनालिसिस क्षमता बढ़ेगी और उसके मुताबिक किसी खास यात्री के बारे में आशंका होने पर उसे यात्रा से रोकने के लिए भारत सरकार कदम उठा सकती है.
एयरलाइंस को इसके लिए बाध्य भी कर सकती है. इस आदेश के पालन के लिए पायलट फेज 10 फरवरी से ही शुरू हो जाएगा.
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