नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। रूस का दावा है कि उसने वैक्सीन बना ली है पर उसे लेकर भी दुनिया एकमत नहीं है।
भारत में भी वैक्सीन को लेकर ट्राल चल रहे हैं, इस बीच भारत के दो डॉक्टरों ने एक ऐसा प्रयोग किया है जिसमे कोरोना वायरस को पानी से खत्म किया जा सकता है।
दो डॉक्टरों ने तैयार की तकनीक
दरअसल, 5 साल पहले दो डॉक्टर देशसेवा की भावना से दिल्ली स्थिति एम्स से जुड़े थे। डॉ शशि रंजन और देव्यान साहा 2015 में अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी।
इन्हीं दोनों डॉक्टरों ने कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए एक नया प्रयोग किया जिसकी तारीफ आइसीएमआर भी कर रहा है।
क्या है प्रयोग
दोनों डॉक्टरों के सफल प्रयास को ICMR ने मंजूरी दी है। दरअसल, इन डॉक्टरों ने पानी के सहारे कोरोना वायरस को खत्म करने की टेक्नॉलजी का सफल प्रयोग किया है।
इनकी टेक्नॉलजी में केमिकल और रेडिएशन फ्री डिवाइस का इस्तेमाल किया गया है। यह भारत की एकमात्र टेक्नॉलजी है जो USFDA गाइडलाइन का पालन करती है।
पानी को बना देता है एंटीवायरल
इस टेक्नॉलजी में वाटर के सुपर मैग्निफाई क्वॉलिटी का इस्तेमाल किया गया है। ऑप्टिमाइज कंडिशन में यह पानी को एंटीवायरल बना देता है।
इसके बाद इस एंटी वायरल पानी का छिड़काव किया जाता है। जिससे वातावरण में फैले कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है।
सेनेटाइजर का बचेगा खर्चा
इस तकनीकी खास बात ये है कि इसमें कोई लागत नहीं है, यहा मॉडल काफी सस्ता है और हर जगह पानी की उपलब्धता पर्याप्त है।
जिसके कारण इसका इस्तेमाल सार्वजनिक जगहों पर आसानी से किया जा सकता है। सेनेटाइजर के भारी खर्च से भी बचा जा सकेगा।