नई दिल्ली (ब्यूरो): GST. यह महीना यानि की मार्च का महीना वित्तीय साल का आखिरी महीना होता है। इसलिए यह महीना सबसे महत्वपूर्ण होता है। मार्च में कई ऐसे तारीख होते हैं, जिनसे पहले वित्तीय कार्यों को पूरा कर लेना चाहिए।
अगर आप इन डेडलाइंस के रहते वित्तीय काम पूरा न होने से भारी नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है, लेकिन कोरोना के संकट को देखते हुए सरकार ने कई अहम डेडलाइन को बढ़ा दिया है।
दरअसल, वित्तीय कामकाज से जुड़े कई कामकाज की जरूरी डेडलाइन 31 मार्च को खत्म होने वाली थी। लेकिन, अब लोगों को 30 जून तक की मोहलत मिल गई है।
आईटीआर
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है।
बता दें कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2019 थी। 1 सितंबर 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक रिटर्न फाइल करने पर अधिकतम जुर्माना 5000 रुपया था।
1 जनवरी से 31 मार्च 2020 तक रिटर्न फाइल करने पर अधिकतम जुर्माना 10 हजार रुपये होता है। लेकिन, अब इसकी डेडलाइन 30 जून तक बढ़ गई है।
आधार-पैन लिंक
सरकार ने आधार-पैन लिंक करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 30 जून 2020 तक कर दी है। अब तक ये डेडलाइन 31 मार्च थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक 17 करोड़ लोगों ने अब तक आधार और पैन कार्ड को लिंक नहीं कराया है।
जीएसटी
GST रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है। अब कारोबारी मार्च, अप्रैल और मई महीने का GST रिटर्न 30 जून 2020 तक दाखिल कर सकते हैं। पहले इसकी डेडलाइन 31 मार्च तक थी।
बीएस-4 वाहन
डीलर अब बीएस-4 वाहनों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन यानी 25 अप्रैल तक बेच सकते हैं। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में आदेश भी दिया था।
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि डीलर सिर्फ 10 फीसदी बीएस-4 वाहनों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन के भीतर बेच सकते हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी।
विश्वास स्कीम
विवाद से विश्वास स्कीम को भी अब 30 जून कर दिया गया है। पहले इसकी डेडलाइन 31 मार्च थी, लेकिन अब 30 जून तक कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा।
बता दें कि विवाद से विश्वास का उद्देश्य उन लोगों को राहत देना है, जिनकी टैक्स देनदारी को लेकर कई तरह का विवाद है।
ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट और रजिस्ट्रेशन
सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट और रजिस्ट्रेशन जैसे दस्तावेज की वैधता बढ़ा दी है। सरकार का ये फैसला उन ड्राइविंग लाइसेंस पर लागू होगा, जिनकी वैधता 1 फरवरी को खत्म हो चुकी है।
इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक एडवाइजरी भी जारी कर दी है।