Prabhat Times
New Delhi नई दिल्ली। (cm arvind kejriwal comes out from tihar jail) शराब घोटाला मामले में पहले ईडी और आज सीबीआई केस में जमानत मिलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर निकल गए हैं।
बाहर आने के बाद केजरीवाल ने कहा कि लाखों लोगों ने प्रार्थना की है जिसकी वजह से बाहर आया हूं।
केजरीवाल ने कहा कि मैं सच्चा था, मैं सही था इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया।
केजरीवाल ने कहा कि मुझे ऊपरवाले ने ताकत दी, इसलिए मैं आपलोगों के सामने हूं।
सलाखें हौसले कमजोर नहीं कर सकतीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले के कमजोर नहीं कर सकतीं हैं।
उन्होंने कहा कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे ऊपरवाले ने अभी तक मुझे ताकत दी, ऐसे ही भगवान मुझे रास्ता दिखाता रहे,
मैं देश की सेवा करता रहूं और जितनी राष्ट्रविरोधी ताकतें हैं,
जो देश को बांटने और कमजोर करने का काम कर रही हैं, मैं जिंदगी भर उनके खिलाफ लड़ता रहूं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने एकमत से केजरीवाल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।
केजरीवाल को जमानत, सीबीआई को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत तो दी ही, पीठ के एक जज जस्टिस भुइयां ने सीबीआई को फटकार भी लगाई।
उन्होंने अपने साथी जज और पीठ के अध्यक्ष जस्टिस सूर्यकांत से असहमति जताते हुए सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी पर आपत्ति जताई
जस्टिस भुइयां ने कहा कि सीबीआई ने शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल से पहले ही पूछताछ की थी, लेकिन तब उसने उन्हें गिरफ्तार करने की जरूरत महसूस नहीं की थी।
उन्होंने कहा कि ईडी केस में केजरीवाल को जमानत मिली तब सीबीआई तुरंत सक्रिय हो गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
यह कुछ और नहीं बल्कि यही कवायद थी कि केजरीवाल जमानत मिलने के बाद भी जेल से रिहा नहीं हो सकें।
हालांकि, जस्टिस सूर्यकांत ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई की कार्रवाई को वैध बताया।
सीबीआई की कार्रवाई पर जजों की अलग राय
अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दी थीं। एक याचिका में उन्होंने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती दी थी तो दूसरी अर्जी से उन्होंने जमानत की मांग की थी।
केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को ‘इंश्योरेंस अरेस्ट (जेल में रखने की गारंटी)’ बताया था।
वहीं, अभियोजन का पक्ष रख रहे एएसजी एसवी राजू ने केजरीवाल के सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगने पर ही आपत्ति जता दी थी।
उन्होंने कहा था कि केजरीवाल को पहले ट्रायल कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करना चाहिए।
जस्टिस भुइयां ने अपने आदेश में एसजी की इस दलील को सिरे से खारिज कर दिया।
संजय, मनीष और अब केजरीवाल निकले
ध्यान रहे कि कमीशन के बदले शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली की आबकारी नीति बदलने के आरोप में आम आदमी पार्टी (आप) के कई नेता जेल जा चुके हैं
सीएम केजरीवाल से पहले सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की गिरफ्तारी हुई थी।
संजय सिंह और मनीष सिसोदिया पहले ही बेल पर जेल से बाहर हैं।
सत्येंद्र जैन पर जेल के नियम तोड़ने का आरोप है और वो अब भी तिहाड़ जेल में ही बंद हैं।
इससे पहले अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनावों में पार्टी का प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर रिहा किया था।
शर्त के मुताबिक, चुनाव प्रचार के बाद अरविंद केजरीवाल ने फिर से जेल में आत्म समर्पण कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बार जमानत देते वक्त भी शर्तें रखी हैं।
शर्तें वही हैं जो सुप्रीम कोर्ट ने ही ईडी केस में उन्हें जमानत देते वक्त रखी थीं। जस्टिस भुइयां ने इस बात पर भी आपत्ति जाहिर की।
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